उत्तराखण्ड

मशरूम फार्मिंग कर रहे हैं तो घर पर ऐसे बनाएं कंपोस्ट

उत्तराखंड में मशरूम की खेती स्वरोजगार अपनाने वाले युवाओं की पहली पसंद बन रही है कोविड-19 महामारी के बाद से ही नौकरियां छोड़ गांव लौटे युवा स्वरोजगार अपना रहे हैं, जिसमें मशरूम फार्मिंग (Mushroom Farming) एक बेहतर विकल्प बन रहा है, लेकिन कई बार काश्तकारों को पर्याप्त जानकारी न होने के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ता है गढ़वाल यूनिवर्सिटी के ग्रामीण प्रौद्योगिकी विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर आरएस नेगी बताते हैं कि मशरूम उत्पादकों के सामने कई तरह की चुनौतियां आ सकती हैं इसमें मशरूम का उत्पादन ठीक से न होना या मशरूम खराब हो जाने की दिक्कतें शामिल हैं मुख्य रूप से इसके पीछे की बड़ी वजह मशरूम उत्पादन के लिए प्रयोग किया गया कंपोस्ट है यदि कंपोस्ट अच्छी क्वालिटी का नहीं होगा, तो इसका असर प्रोडक्शन पर पड़ता हैमशरूम की कई वैरायटी हैं, जिनका उत्पादन किया जा सकता है अधिकांश बटन मशरूम या फिर ढींगरी (ऑयस्टर) मशरूम का ही उत्पादन करते हैं

घर पर ही तैयार करें कंपोस्ट

प्रोफेसर नेगी ने बोला कि ऑयस्टर मशरूम के लिए सरलता से कंपोस्ट घर में ही तैयार किया जा सकता है इसके लिए आपके पास भूसा और गेहूं होने चाहिए भूसे को एक से तीन इंच के छोटे-छोटे टुकड़ों में काटने के बाद पानी में गर्म करें इसके बाद भूसे को पॉलीप्रोपाइलीन की शीट पर फैलाएं और इसमें अधिकतम नमी रहने दें जिसके बाद भूसे और मशरूम स्पॉन के साथ एक प्लास्टिक बैग लेकर स्पॉन को अच्छे से फैला दें कुछ समय बाद इसे बैग में भरकर छोटे-छोटे छेद कर दें ध्यान रहे कि इसमें एक हफ्ते में पुराने स्पॉन का प्रयोग न करें

खराब भूसे का कंपोस्ट न करें प्रयोग

प्रोफेसर नेगी ने आगे बोला कि लोकल संसाधनों से भी कंपोस्ट तैयार किया जा सकता है यह बाहर से आयात कर मंगाए गए कंपोस्ट से बेहतर साबित हो सकता है कई बार खराब भूसे से कंपोस्ट तैयार कर काश्तकारों को वितरित कर दिया जाता है, जिससे मशरूम फार्मिंग के दौरान काफी कठिनाई होती है उन्होंने बोला कि बटन मशरूम के लिए कंपोस्ट तैयार करने का लंबा तरीका है लेकिन यदि आपके पास पर्याप्त संसाधन हैं, तो इसे भी घर पर तैयार किया जा सकता है वर्तमान समय में सबसे अधिक डिमांड बटन मशरूम की है

रोजगार का बन रहा जरिया

प्रोफेसर आरएस नेगी ने बोला कि वर्तमान समय में पहाड़ों से पलायन को रोकने के लिए इस तरह के कार्य युवाओं को आर्थिक रूप से मजबूत कर रहे हैं विभाग द्वारा भी ऐसे युवाओं के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम संचालित किए जाते हैं, जहां बीज उत्पादन से लेकर खेती की प्रक्रिया बताई जाती है

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