उत्तराखण्ड

अगर आप पहाड़ की पौराणिक धरोहरों जैसी चीजें देखना चाहते हैं, तो उत्तराखंड का ये जिला कर रहा है इंतजार

अगर आप पहाड़ की पौराणिक धरोहरों, आभूषणों, मुखौटे, नोट, भोटिया जनजाति के कपड़े, होमस्टे जैसी कई चीजें एक ही स्थान देखना चाहते हैं, तो उत्तराखंड का चमोली जिला आपका प्रतीक्षा कर रहा हैजिला मुख्यालय गोपेश्वर में जिला प्रशासन ने 2020 में पहाड़ी संग्रहालय का निर्माण किया था यहांपहाड़ों से जुड़ी दुर्लभ वस्तुएं, विभिन्न पुरातनकालीन सिक्के, रेडियो, ब्रिटिशकालीन स्टांप पेपर आदि उपस्थित हैं पहाड़ी म्यूजियम का निर्माण कलेक्ट्रेट परिसर में किया गया है, जिसे देखने के लिए यहां स्कूली विद्यार्थियों के साथ अन्य लोग भी पहुंचते हैं संग्रहालय में रखी गई सभी चीजें पहले जिला कार्यालय के मालखाने में रखी गई थीं, जो रखरखाव के अभाव में खराब हो रही थीं तत्कालीन जिलाधिकारी ने मालखाने से निकलवाकर उनका सुव्यवस्थित संग्रह ‘पहाड़ी संग्रहालय’ में किया और पहाड़ी हस्तशिल्प की तर्ज पर संग्रहालय को नया स्वरूप दिया गया

पहाड़ी संग्रहालय में जैसे ही आप प्रवेश करते हैं, सबसे पहले आपको परया दिखेगा दरअसल पहाड़ों में छाछ बनाने के लिए एक विशेष प्रकार की लकड़ी से निर्मित बर्तन का प्रयोग किया जाता है, उसे ही परया बोला जाता है यह दही मथने के काम आता है उसके बाद जैसे-जैसे आप आगे बढ़ेंगे, यहां पौराणिक आभूषण जैसे पैरों के लिए पायल मतलब झंवरी, कान में पहने जाने वाला आभूषण मूर्खली, कमर में पहने जाने वाला आभूषण चंद्रारौली,कलाई में पहने जाने वाला आभूषण धागुली, भोटिया परिधान (घाघरा, गलोबंद, अंगड़ी, घुंघुटी), चंद्रहार (गले में पहने जाना वाला आभूषण) आदि देखने को मिलेंगे इसके अतिरिक्त संग्रहालय में रिंगाल से निर्मित पहाड़ी वाद्ययंत्र हुड़का, पुराने समय के लैंप और लालटेन भी देखने को मिलेंगे वहीं यहां आपको देवपूजन में प्रयोग आने वाला वाद्ययंत्र भांकुरा, पीतल का खपर, पुरातन कालीन पीतल के बर्तन, तराजू, ब्रिटिशकालीन स्टांप पेपर, पुरातन कालीन घड़ियां, भारतीय पत्र मुद्रा, सिक्के भी देखने को मिलेंगे, जिन्हें पहाड़ों में वर्तमान समय में एक स्थान देख पाना संभव नहीं है

विलुप्त हो रही पहाड़ की संस्कृति

स्थानीय जानकार अंशु रावत ने बोला कि यह तत्कालीन जिलाधिकारी की पहल का ही नतीजा है कि पहाड़ के बहुमूल्य सामानों का संग्रह एक स्थान वर्तमान पीढ़ी को देखने को मिल रहा है धीरे-धीरे पहाड़ की विलुप्त होती जा रही संस्कृति और पौराणिक वस्तुओं को देखने के शौकीन लोगों के लिए यह एक अच्छी स्थान है

कैसे पहुंचे?

गोपेश्वर में स्थित पहाड़ी संग्रहालय पहुंचने के लिए आपको शहर में दाखिल होने के बाद बाय रोड जीरो बैंड से होते हुए पेट्रोल पंप पहुंचना होगा पेट्रोल पंप से बाई ओर विकास भवन होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचा जाता है कलेक्ट्रेट पहुंचते ही जिलाधिकारी कार्यालय के पास पहाड़ी संग्रहालय दिख जाएगा

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