उत्तराखण्ड

पहाड़ की लोगों में अल्सर, पथरी, जोड़ों के दर्द जैसी बीमारियो से हो रहे ग्रसित

श्रीनगर गढ़वालउत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में जीवन-यापन करने वाले ग्रामीणों को पहाड़ की तरह ही मजबूत माना गया है ये लोग जितने कर्मठ और जुझारू हैं, इनकी बीमारी प्रतिरोधक क्षमता भी उतनी ही बेहतर होती है लेकिन बदलते समय के साथ बदलते खान-पान के चलते अब पहाड़ की लोगों में कई ऐसी बीमारियां देखने को मिल रही हैं, जो आम हो चुकी हैं इनमें अल्सर, पित्त की थैली की पथरी, जोड़ों के दर्द जैसी बीमारियां अब आम हो चुकी हैं

जंगल से लकड़ी लाना, घास, चारा पत्ती ढोने समेत हाड़तोड़ मेहनत करने वाले पहाड़ के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों को अब कई गंभीर बीमारियां परेशान करने लगी हैं अधिकतर महिलाएं भी इन रोंगों की चपेट में आ रही हैं वहीं जानकारी का अभाव होने के चलते ये बीमारियां इतनी खतरनाक बन जा रही हैं कि ऑपरेशन एकमात्र विकल्प बन रहा है

पथरी के सबसे अधिक मरीज
संयुक्त हॉस्पिटल श्रीनगर में तैनात सर्जन डाक्टर लोकेश सलूजा बताते हैं कि उनके पास पहाड़ी क्षेत्रों से बड़ी संख्या में रोगी उपचार के लिए पहुंचते हैं पथरी के रोगी काफी होते हैं उनके पास उपचार के लिए आने वाली स्त्री रोगियों में सबसे अधिक कम्पलेन बच्चेदानी में इन्फेक्शन, पित्त की थैली में पथरी और अल्सर की रहती है इसके अतिरिक्त पथरी, ट्यूमर और हर्निया के लिए भी पौड़ी और टिहरी के दूरस्थ इलाकों से उनके पास रोगी आते हैं

महिलाओं की हड्डियां हुई कमजोर
पहाड़ों में मेहनत करने वाली महिलाएं जोड़ों और घुटनों के दर्द से भी परेशान दिख रही हैं डॉक्टरों के मुताबिक कैल्शियम की कमी और खानपान का ध्यान न रखना रोग को बढ़ावा दे रहा है, जिससे महिलाएं जी-तोड़ मेहनत तो खेत खलिहानों में कर लेती हैं, लेकिन पर्याप्त कैल्शियम न मिलने के चलते हड्डियां कमजोर होती जा रही हैं और जोड़ों में दर्द की परेशानी देखने को मिल रही है

पारंपरिक अनाजों से दूर हुए पहाड़ के लोग
डॉ सलूजा बताते हैं कि इन रोंगों का एक बड़ा कारण खानपान है वैसे तो पहाड़ों में खाना पौष्टिक होता है, लेकिन अब ग्रामीणों ने कोदा, झंगोरा समेत अन्य पारंपरिक अनाजों का उपभोग करना कम कर दिया है जिसके कारण बीमारी प्रतिरोधक क्षमता में कमी देखी जा रही है वहीं दिनचर्या में मिलावटी भोजन का प्रयोग भी अधिक हो गया है इस वजह से पित्त की थैली में पथरी और बच्चेदानी में सूजन की परेशानी अधिक देखने को मिल रही है इन रोंगों से बचाव के लिए खानपान पर विशेष ध्यान देना सबसे महत्वपूर्ण है

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