इस महिला ने जंगली जानवरों से परेशान होकर की कीवी की खेती
महात्मा गांधी ने बोला था, पहले लोग आपको अनदेखा करेंगे, फिर आप पर हसेंगे और आखिर में आप जीत जाओगे। दुवाकोटी गांव की सीता देवी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ, लेकिन सीता देवी की मेहनत और लगन ही थी की आज सीता देवी अन्य ग्रामीणों के लिए नज़ीर बनी है।
दरअसल सीता देवी ने जब परंपरागत फसलों वाले क्षेत्र में विदेशी फल कीवी की खेती प्रारम्भ की तो लोगों ने उनका मजाक उड़ाया, लेकिन उन्होंने हौसला नहीं हारी और अपने निर्णय पर अडिग रहकर जमकर खेतों में पसीना बहाया। सीता देवी की मेहनत रंग लाई और आज वह कीवी से अच्छा फायदा कमा रही है।
पहाड़ों में इन दिनों डेगू का कहर है। डेंगू के उपचार में सबसे लाभदायक कीवी फल कारगर साबित हो रहा है। ऐसे में कीवी की मूल्य में बढ़ोतरी भी हुई है और एक कीवी फल की मूल्य 30 से 50 रुपये तक में बेचा जा रहा है। ऐसे में कीवी की खेती कर रही सीता देवी की कीवी के फल को बेचकर अच्छी आमदनी हो रही है।
जंगली जानवरों से परेशान होकर की कीवी की खेती
टिहरी मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर दुवाकोटी गांव की सीता देवी जंगली जानवरों के आतंक से परेशान थी। वह जो भी परंपरागत फसल उगाती जंगली सुअर, भालू, बंदर उसे नष्ट कर देते। जिससे फसलों का काफी हानि पहुॅचता। लिहाजा सीता देवी ने पंरपरागत कुषि के अतिरिक्त बागवानी में रूची ली 2018 में सीता देवी को उद्यान विभाग की कीवी को प्रोत्साहन देने की योजना की जानकारी मिली तो उन्होंने कीवी की खेती करने का फैसला लिया।
उद्यान विभाग द्वारा सीता देवी समेत जिले के 45 काश्तकारों को कीवी को प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही कीवी के पौधे बगीचा लगाने के लिए वितरित किए गये। शुरूआती दौर में तो गांव वालों ने उनका खूब मजाक उड़ाया लेकिन उन्होनें हार नहीं मानी ओर मेहनत करती चली गई। परिणामस्वरूप आज उनके पास कीवी का बहुत बढ़िया बगीचा मौजूद है। कहा कि जंगली जानवर भी इसे हानि नहीं पहुंचाते हैं।
पूरा परीवार खेती में करता है सहयोग
सीता देवी जानकारी देते हुए बताती हैं कि उनके पति राजेंद्र सिंह और दोनों बच्चों के विकास और राहुल ने भी उनके इस काम में पूरी सहायता की। जिसकी बदौलत एक वर्ष में बगीचा तैयार हो गया। उन्होनें अपनों बच्चों की तरह पौधों की देखभाल की जिसका रिज़ल्ट है कि उनके सभी पौधे फल देने लायक बन गये हैं। कहा कि उनके साथ गांव के दो अन्य लोगों को भी कीवी की पौध मौजूद कराई गई लेकिन उन्होंने इस पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया ओर पौध खराब हो गई। सीता देवी जानकारी देते हुए बताती हैं कि उनके पास आजकल कीवी की काफी डिमांड आ रही है, कई लोग टेलीफोन करते है तो कई घर पर भी आते हैं
बीमारी में कारगर है ‘‘कीवी‘‘
कीवी में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है। मौसम चाहे कोई भी, फ्लू और कई तरह के इंफेक्शन के होने का खतरा हमेशा बना रहता है। यह फल विटामिन सी के डेली डोज को पूरा करता है। विटामिन सी एंटीबॉडी के प्रोडक्शन और एक्टिविटी को बढ़ावा देता है। एक हेल्दी इम्यून सिस्टम के लिए बेहतर एंटीबॉडी फंक्शन का होना जरूरी है। विटामिन सी सेरोटोनिन के निर्माण के लिए भी ज़रूरी होता है। ऐसे में कीवी खाने से मूड बेहतर रहता है।