गुलदार के मारे जाने के बाद ग्रामीणों ने राहत की ली सांस
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के खिर्सू ब्लॉक के दर्जन भर से अधिक गांवों में भय का पर्याय बना गुलदार (तेंदुआ) को वन विभाग ने मार गिराया है। सोमवार की देर रात वन विभाग के शिकारियों की गोली का यह खूंखार गुलदार शिकार बन गया। मारे गये गुलदार की उम्र 6 से 7 वर्ष बताई जा रही है। गुलदार के मारे जाने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। हालांकि, उनकी संभावना है कि क्षेत्र में ओर भी गुलदार एक्टिव हैं। बहरहाल गुलदार के मारे जाने के बाद ग्रामीण एक बार फिर अपने खेतों और दिनचर्या में जुट गये हैं।
बता दें कि, बीते पांच सितंबर को गुलदार ने खिर्सू ब्लॉक के ढिकवालगांव में चार वर्ष की बच्ची को अपना शिकार बनाया था। घटना वाले दिन सुबह लगभग 11 बजे गुलदार बच्ची को उसकी दादी के हाथ से छीन कर ले गया। दिन-दोपहरी में हुई इस घटना से ग्रामीणों में काफी रोष था। ग्रामीण गुलदार को मारने की मांग कर रहे थे। लोगों के आक्रोश को देखते हुए गुलदार को बेहोश करने या नष्ट करने के निर्देश वन विभाग के उच्च ऑफिसरों के द्वारा दिये गये।
घात लगाये बैठा गुलदार शिकारियों की गोली का बना निशाना
निर्देश मिलने के बाद से ढिकवालगांव और इर्द-गिर्द के इलाकों में वन विभाग की टीम लगातार गश्त कर रही थी। जगह-जगह उसको पकड़ने के लिए पिंजरे लगाये गये, लेकिन चालाक बिग कैट का कुछ पता नहीं चल पाया। ड्रोन कैमरों से भी गुलदार पर नज़र रखने की प्रयास भी की गई। करीब छह दिन बीत जाने के बाद सोमवार की देर रात जब शिकारी दल रात के अंधेरे में गश्त कर रही थी तो घात लगाये गुलदार ने उन पर धावा कर दिया। इस पर शिकारियों ने गोली मार कर गुलदार का अंत कर दिया।
मृत गुलदार को पोस्टमॉर्टम के लिए नागदेव रेंज पौड़ी लाया गया। डीएफओ पौड़ी गढ़वाल स्वपनिल अनिरूद्व ने कहा कि गुलदार की उम्र 6 से 7 वर्ष के लगभग है। उसके दो दांत टूट हुए हैं जिससे संभावना व्यक्त किया जा रहा है कि वो शिकार करने में असमर्थ रहा होगा इसलिए सरल शिकार की तलाश में रहता था। इसमें गुलदार बच्चों और पालतू जानवरों को अपना निशाना बनाता था। गुलदार के मारे जाने के बाद भी अभी क्षेत्र में वन विभाग को नज़र बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।