उत्तराखण्ड

इस छेद से गुजरने वाली महिलाओं को होती है संतान सुख की प्राप्ति

नैनीताल:- देवभूमि उत्तराखंड के कण-कण में देवों का वास है. यहां कई पौराणिक मंदिर और तीर्थ स्थल स्थित हैं, जिनसे कई किवदंतियां जुड़ी हुई हैं. साथ ही इन जगहों का काफी ज्यादा महत्व भी है. ऐसी ही एक जगह नैनीताल से मात्र 70 किलोमीटर दूर स्थित मुक्तेश्वर महादेव मंदिर के ही पास चट्टानों का एक समूह स्थित है, जिसे चौली की जाली (Chauli ki Jali) और स्थानीय लोग चौथा जाली के नाम से जानते हैं. मान्यताओं के अनुसार, इस छेद से गुजरने वाली महिलाओं को संतान सुख की प्राप्ति होती है.

ऐसी है इस स्थान की मान्यता
स्थानीय निवासी बसंत पांडे ने बताया कि चौली की जाली मुक्तेश्वर की पहाड़ी में चट्टानों का एक समूह है. इस स्थान पर चट्टान में एक छेद बना हुआ है, जो पूरी तरीके से प्राकृतिक है. इस छेद से जुड़ी मान्यता के अनुसार यदि शिवरात्रि के दिन या फिर सोमवार के दिन महिलाएं पूरे दिन का उपवास रखकर चट्टान में स्थित छेद से गुजरती हैं और संतान प्राप्ति की कामना करती हैं, तो उनकी मनोकामना पूरी होती है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि यहां पर कई तरह के एडवेंचर स्पोर्ट्स भी करवाए जाते हैं. यहां कई खाने-पीने की दुकानें भी स्थित हैं, जहां खूबसूरत नजारों के बीच आप मैगी, नूडल्स, चाय, पकौड़ी और कुमाऊंनी भोजन का आनंद ले सकते हैं.

पर्यटकों की पहली पसंद
बसंत बताते हैं कि वीकेंड में यह जगह सैलानियों से गुलजार रहती है. पर्यटन की वजह से यहां के स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलता है. वहीं गुजरात से आए पर्यटक शैलेश बताते हैं कि उन्हें यह जगह बेहद पसंद है. वो दूसरी बार इस जगह पर अपने परिवार के साथ आए हैं. उन्होंने कहा कि ये जगह स्विटजरलैंड से भी ज्यादा खूबसूरत है. इस जगह से मुक्तेश्वर की तलहटी में बसे गांव की पूरी बेल्ट साफ दिखाई देती है. साथ ही यहां से आप कुमाऊं के साथ ही नेपाल हिमालय रेंज का दीदार भी कर सकते हैं. यह जगह बेहद खूबसूरत होने के साथ ही धार्मिक महत्व भी रखती है. इस जगह से दिखने वाले सूर्यास्त के नजारे दिल को छू जाते हैं. सालभर यहां पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है. यहां आकर पर्यटक खूब सेल्फी-फोटो खिंचवाते हैं.

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