उत्तराखण्ड

पहाड़ी स्टाइल में बना ये मीट, तारीफ करते नहीं थकेंगे

नैनीताल उत्तराखंड का नैनीताल, खूबसूरत वादियों और अपने सुंदर नजारों के साथ ही यहां मिलने वाले लजीज़ भोजन के लिए भी जानी जाती है वैसे तो नैनीताल शहर में कई बेहतरीन रेस्टोरेंट और कैफे स्थित हैं, जहां आपको लजीज़ खाने के साथ ही कई तरह की डिश भी मिल जाएंगी, लेकिन यदि आप नैनीताल में पहाड़ी स्वाद लेना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको नैनीताल से लगभग 12 किमी दूर नैनीताल-हल्द्वानी राजमार्ग में स्थित नैना गांव आना होगा यहां आपको पहाड़ी स्टाइल में बने पहाड़ी बकरे के मीट का बेहतरीन स्वाद मिल जाएगा

नैना गांव में सड़क किनारे एक ढाबा है, जो करीब 38 वर्ष पुराना है यह ढाबा यहां आने वाले लोगों को पहाड़ी बकरे के मीट के बेहतरीन स्वाद का मजा देता आया है हल्द्वानी-नैनीताल हाईवे पर स्थित इस ढाबे में सिर्फ़ मीट-भात (मीट-चावल) मिलता है, जिसकी खुशबू लोगों को अपनी ओर खींचती है लोकल हों या किसी और शहर या राज्य से नैनीताल घूमने आने वाले पर्यटक, अधिकांश लोग यहां लजीज मीट-भात का स्वाद लेना नहीं भूलते इस ढाबे का नाम ‘चंदन मीट चावल/ शिकार भात नैना गांव’ है लोग इस ढाबे को ‘नैना गांव मटन-चावल’ के नाम से भी जानते हैं इस ढाबे में मिलने वाला मीट नैनीताल के गरमपानी क्षेत्र से लाए गए पहाड़ी बकरे का होता है इसे क्षेत्रीय भाषा में ‘शिकार-भात’ कहते हैं एक हाफ प्लेट मीट-चावल की मूल्य 230 रुपये और फुल प्लेट की मूल्य 460 रुपये है

1986 में चाय की दुकान से हुई थी शुरुआत
ढाबे के मालिक चंदन सिंह बताते हैं कि उन्होंने इस ढाबे की आरंभ वर्ष 1986 से की थी आरंभ के दिनों में वो यहां चाय, टिकिया और पकौड़ी बनाया करते थे लेकिन नैनीताल में उत्तराखंड उच्च न्यायालय स्थापित होने के बाद वर्ष 2002 से उन्होंने यहां पर केवल मटन चावल बनाना प्रारम्भ किया पूरी ढंग से पहाड़ी ढंग से आग और पीतल के भट्टू (एक तरह का बर्तन) में पका होने के कारण उनके मीट चावल का स्वाद सबको पसंद आने लगा इस तरह ग्राहक भी बढ़ने लगे आज उनके यहां दिल्ली, यूपी, गुरुग्राम समेत राष्ट्र के भिन्न भिन्न हिस्सों से नैनीताल आने वाले पर्यटक मीट भात खाने जरूर आते हैं

लोगों को बहुत पसंद आता है स्वाद
चंदन सिंह बताते हैं कि उनके यहां सप्ताह में केवल मंगल को छोड़कर बाकी सभी दिन मीट भात मिलता है आप दोपहर 12 बजे से लेकर शाम 3 बजे तक टेस्टी मीट-भात का आनंद ले सकते हैं लेकिन दोपहर 2 बजे आपको मीट भात का सबसे बेहतरीन स्वाद मिल जाएगा, क्योंकि इस समय तक मीट पूरी तरह से पक जाता है नैना गांव के मीट-भात का स्वाद लोगों को इतना पसंद है कि कई ग्राहक हर सप्ताह यहां आते हैं हल्द्वानी के रहने वाले नीरज बताते हैं कि यहां के मीट भात का स्वाद लाजवाब है वो यहां पिछले 8 वर्षों से मीट भात खा रहे हैं

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