आठ दिन में इस शख्स का दो बार अंतिम संस्कार, सच्चाई जान चकरा जाएगा आपका दिमाग
पैसों के लालच में राजस्थान के झुंझुनू के एक शख्स ने अपराध की दिल दहला देने वाली षड्यंत्र रची। होली के दिन जब लोग एक दूसरे के रंग लगाकर उत्सव इंकार रहे थे, उसी दिन यह शख्स खूनी षड्यंत्र रच रहा था।होली वाले पुलिस को एक जली कार में कंकाल मिला। पुलिस ने जांच के बाद पता किया तो उस आदमी के घर पर सूचना दी और मृतशरीर का आखिरी संस्कार कर दिया गया। लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आया जब वह शख्स 8 दिन के बाद अपने घर लौट आया। पुलिस को इस बात की जानकारी हुई तो उसका सिर चकरा कि आखिर फिर कार में कौन था? आइए जानते हैं पूरा मामला।
पुलिस को हाईवे पर एक पूरी तहर से जली हुई कार मिली थी। पुलिस ने जैसे तैसे कार की पहचान की पता चला कि कार किसकी है, कार में ही पूरी तरह से जला हुआ कंकाल भी मिला, जिस आदमी की कार थी वह इसी कार से कुछ काम से घर के लिए निकला था। पुलिस ने इसी आधार पर झुंझुनू के रहने वाले विकास मीडिया के ही कंकाल को मानकर उसका दाह संस्कार करवा दिया। 8 दिन बाद विकास अपने घर लौट आया। यह बात पूरे गांव में फैली और पुलिस तक जा पहुंची।पुलिस ने विकास को हिरासत में लेकर पूछताछ प्रारम्भ की आखिर उस कार में कौन था और उसने ऐसा क्यों किया?
1.5 करोड़ का प्रामियम लेने के लिए कर दिया खेल
पुलिस पूछताछ में विकास ने कहा कि उसने एक 1.5 करोड़ रुपए की बीमा पालिसी ले रखी थी। अब वह इस पालिसी का प्रीमियम जल्द से जल्द लेना चाहता था लेकिन प्रीमियम तो पालिसी पूरी होने के बाद ही मिलता या फिर उसकी हादसे में मृत्यु हो जाए तो उसके परिवार वालों को प्रीमियम मिल जाता। इसी के चलते उसने षड्यंत्र रची। विकास ने अपने नौकर महेश को साथ में लिया। महेश शराब पीने का आदी था और मौसम होली के आसपास का था तो महेश ने विकास के कहने पर जमकर शराब पी। वह शराब में पूरी तरह से धुत्त हो चुका था…थोड़ी देर महेश बेशुध हो गया। विकास के पास अपने प्लान को सक्सेस करने का यह बेहतर मौका था। विकास कार से रेलवे के अंडरपास की ओर निकल लिया। उसने अपने साथ पेट्रोल भी ले रखा था। अंडरपास पर पहुंचने पर विकास ने ड्राइविंग सीट पर विकास को बैठाकर कार पर पेट्रोल छिड़ककर उसमें आग लगा दी।
छानबीन के बाद पुलिस ने विकास को मान लिया मृत
रात मुकुंदगढ़ थाना क्षेत्र के डूंडलोद में बलरिया अंडरपास पर जली कार और कंकाल मिलने पर पुलिस ने छानबीन प्रारम्भ की। छानबीन में पुलिस ने पाया कि यह कार विकास मीडिया की है और वह इसे लेकर निकला था इसके बाद घर वापस नहीं लौटा। पुलिस ने बाकी की भी तफ्तीश करते हुए मृतशरीर को विकास मीडिया का मानकर उसका आखिरी संस्कार करवा दिया।
विकास की मृत्यु वाले दिन से लापता था महेश
इस मुद्दे में नया मोड़ 28 मार्च को तब आया जब उसी दिन से लापता डूंडलोद के उतराधा मोहल्ले के महेश मेघवाल के परिजन मुकुंदगढ़ पुलिस स्टेशन पहुंचे। उन्होने कहा कि घटना वाले दिन से महेश लापता है। उसका मोबाइल भी बंद है। घटना के दिन 24 मार्च को दोनों साथ में देखे गए थे। इसके सीसीटीवी फुटेज भी हैं। इसके बाद पुलिस ने हादसे की अन्य एंगल से जांच की तो संदेह का दायरा बढ़ता गया।
8 दिन बाद गांव लौटा विकास
विकास मीडिया 8 दिन बाद चुपके से अपने घर पहुंचा। हालांकि पुलिस को इसकी भनक लग गई और पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। हिरासत में लेने के 4 घंटे बाद ही विकास ने दम तोड़ दिया। अभी पुलिस विकास की मृत्यु का कारण नहीं बता पाई। विकास के घरवालों का बोलना है कि जहां तक उसने जहर खा लिया।
यह कहे झुंझुनू पुलिस अधीक्षक
प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत हो रहा है कि महेश की मर्डर विकास मीडिया ने ही की थी। उसने क्यों ऐसा किया, क्या प्री प्लानिंग थी। इसकी जांच की जाएगी। उसे अरैस्ट करते उससे पहले ही उसकी मृत्यु हो गई, इसलिए पूछताछ नहीं कर पाए। फिर भी इसकी जांच की जाएगी। मृत्यु के कारणों की जांच के लिए विसरा लिए गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही मृत्यु के कारणों का पता चल सकेगा।