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एनआईवीएच में यौन शोषण के विरोध में छात्राओं का संघर्ष, शिक्षक और उप प्राचार्य को हुई सजा

एनआईईपीवीडी संस्थान (एनआईवीएच-NIVH)में छात्राओं के यौन शोषण के मुद्दे लगातार दबाए जा रहे थे जिन छात्राओं से यौन शोषण में तत्कालीन शिक्षक और उप प्राचार्य को सजा हुई, उन्होंने भी संस्थान में यह मुद्दा उठाया था प्रबंधन में जिन लोगों को पता लगा, उन्होंने घटना को संस्थान की चहारदीवारी के अंदर दफन करने की प्रयास की

कार्रवाई नहीं होने पर छात्राएं एकजुट हुईं उन्होंने पढ़ाई ठप करते हुए संस्थान में आंदोलन प्रारम्भ कर दिया था तब बाल आयोग की टीम संस्थान में पहुंची थी पीड़िता और अन्य बच्चियों से पूछताछ के बाद मुकदमा दर्ज कराया था एनआईवीएच में संगीत शिक्षक सुचित नारंग के यौन शोषण मुद्दे का खुलासा होने के बाद संस्थान में यौन शोषण के एक के बाद एक तीन मुद्दे सामने आए थे

बीएडी की छात्रा के साथ ही एक बालक के यौन शोषण का मुद्दा भी संस्थान में सामने आ चुका है बीएड की छात्रा के यौन शोषण का मुद्दा भी संस्थान में कम्पलेन के बाद दो महीने तक दबाया गया था तब खुलासा हुआ था कि विद्यालय प्रबंधन के सामने ऐसी कम्पलेन की जाती तो प्रबंधन अधिकारी कार्रवाई के बजाए डांट-फटकार लगाते थे

पीड़िता और परिवार का विश्वास तोड़ा
कोर्ट ने सुचित और अनुसूया शर्मा को गुनेहगार ठहराया तो सजा के प्रश्न पर बहस हुई इस दौरान सुचित के दृष्टि दिव्यांग होने का हवाला देते हुए कम से कम सजा की मांग की गई अभियोजन के अधिवक्ता किशोर कुमार सिंह ने इसका विरोध किया सजा के प्रश्न पर सुचित की तरफ से बचाव पक्ष के वकील ने बोला कि वह पूर्णरूप से देखने में अक्षम है

सुचित को विद्यालय में वेस्ट शिक्षक का अवार्ड मिल चुका है अभियोजन ने तर्क किया कि गुनेहगार ने समाज में गंभीर प्रकृति का क्राइम किया है मुकदमा की पीड़िता देखने में अक्षम थी अभियुक्त ने सरकारी संस्थान में उनका और उनके परिवारी जनों का विश्वास तोड़ा है तब न्यायालय ने गुनेहगार  को बीस वर्ष की सजा सुनाई

छात्राओं पर संगीत कक्ष में हुए जुल्म
पीड़ित छात्रा को आरोपी ने स्वयं के लिए आवंटित संगीत कक्ष में बुलाकर यौन शोषण किया कुछ अन्य छात्राओं ने आपबीती बताते हुए बोला कि आरोपी कंप्यूटर की क्लास भी लेता था उस कक्ष में भी कुछ छात्राओं से छेड़छाड़ की

उप प्राचार्य ने दबा दी थी पीड़िता की शिकायत
एनआईवीएच में छात्रा के यौन उत्पीड़न मुद्दे में पीड़िता ने तत्कालीन उप प्राचार्य अनुसूया शर्मा से कम्पलेन की थी उन्होंने मुद्दे में तुरन्त कार्रवाई करने के बजाए उसे दबा दिया था न्यायालय ने उन्हें गुनेहगार मानते हुए छह महीने की सजा सुनाई

संगीत शिक्षक को यौन शोषण में 20 साल कैद
देहरादून के राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान में छात्राओं के यौन उत्पीड़न में संगीत शिक्षक सुचित नारंग को न्यायालय ने बीस वर्ष के सख्त जेल की सजा सुनाई फास्ट ट्रैक न्यायालय के न्यायधीश पंकज तोमर ने गुनेहगार पर कुल 60 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है आरोपी को बचाने में सहायता की गुनेहगार तत्कालीन उप प्राचार्य अनुसूया शर्मा को न्यायालय ने छह महीने की सजा सुनाने के साथ ही पांच हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है

शासकीय अधिवक्ता किशोर कुमार सिंह ने कहा कि 18 अगस्त को राजपुर पुलिस स्टेशन में बाल आयोग की तरफ से मुकदमा दर्ज कराया गया इल्जाम था कि एनआईईपीवीडी (उस समय संस्थान का नाम एनआईवीएच) के तत्कालीन संगीत शिक्षक सुचित नारंग निवासी वासु एस्टेट जाखन ने संस्थान की एक नाबालिग छात्रा का यौन उत्पीड़न किया

कई अन्य छात्राओं के साथ भी उसने अश्लील हरकतें की पुलिस ने जांच के बाद दाखिल चार्जशीट में सुचित को मुख्य आरोपी बनाने के साथ ही संस्थान की तत्कालीन निदेशक अनुराधा डालमिया, पूर्व उप प्राचार्या डाक्टर अनुसूया शर्मा, संस्थान के कर्मचारी तेजी और लखनऊ के आश्रम ाकी संचालिका पूर्णिमा को भी सह आरोपी बनाया था

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