गर्भवती महिलाएं ब्लैक आई चाइल्ड की होती है शिकार, करे करे ये गलतियाँ
भूत….आत्मा, जिन्न, डायन, चुड़ैल इसी तरह की पेरानॉर्मल चीजों के बारें में हर कोई जानता होगा, या फिर आज के समय में हर किसी ने सुना होगा। बच्चे हो या बड़े हर किसी को इन पेरानॉर्मल एक्टिविटी या उससे जुड़ी किसी भी घटना के बारें में सुनते है तो मन में एक अजीब सा डर पैदा होने लग जाता है। इतना ही नहीं इन सभी चीजों के बारें में सुनते ही कई लोग तो इतना डर जाते है कि रात के समय में घर के बाहर तक निकलना बंद कर देते है। कई बार तो ऐसा भी बोला जाता है कि जो घर 40 दिन या उससे अधिक समय के लिए बंद रहता है तो उसमे भी आत्मा का वास हो जाता है, फिर जब भी वो घर या बंगला कोई खरीदता है या काफी समय के बाद खुलता है वहीं सब चीजें उस घर में रह रहे लोगों को परेशान करना प्रारम्भ कर देती है।
कई बार तो घर के बड़े बुजुर्ग गर्भवती स्त्रियों को भी यही कहते है कि ऐसे समय में उन्हें घर के बाहर देर रात को या फिर अमावस और ऐसे किसी भी ग्रहण के समय नहीं आना चाहिए, नहीं तो उन पर नए शरीर की तलाश में भटक रही आत्माएं हावी हो जाती है, जिसकी वजह से कई बार उन स्त्रियों का गर्भपात भी हो जाता है, इतना ही नहीं कई बार यदि बच्चे जन्म ले भी लेते है तो उनके शरीर का विकास पूरी तरह से नहीं हो पाता या फिर उन पर जन्म के समय से ही बुरी आत्माओं का वास होता है, जिसकी वजह से घर में बर्बादी और मौते होना प्रारम्भ हो जाती है और घर की सारी खुशियों पर ग्रहण लग जाता है। वहीं इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए आज हम आपके लिए एक ऐसी जानकारी लेकर आए है जिनके बारें में सुनकर आपके पैरों के नीचे से जमीन खिसक जाएगी। जी हां आज हम जिस चीज के बारें में आज बात करने जा रहे है वह और कुछ नहीं बल्कि ब्लैक आई चाइल्ड ( कच्चा कलुआ) के बारें में…..!!!
अब आप ये सोच रहे होंगे कि आखिर क्या है ब्लैक आई चाइल्ड , और है कौन….!!! तो आपको इस बात की जरा सी भी चिंता करने की जरुरत नहीं, आज हम इसी बारें में विस्तार से बात करने वाले है। दरअसल ब्लैक आई चाइल्ड एक तरह से छोटे से बच्चे की आत्मा को बोला जाता है, इस बारें में हम सभी में से कई लोग जानते होंगे लेकिन ये भी कि कई लोग ऐसे भी है जो ब्लैक आई चाइल्ड के बारें में नहीं जानते होंगे, दरअसल ब्लैक आई चाइल्ड एक ऐसी आत्मा का रूप है जिसे नए शरीर की तलाश हमेशा ही लगी रहती है। वह हमेशा ही इस प्रयास में लगी रहती है कि कही से कोई नए जन्म वाला बच्चा या फिर कोई गर्भवती स्त्री मिल जाए, जिसे वह अपना शिकार बना सके, और बच्चे के शरीर पर अतिक्रमण भी कर सके। अब आप ये सोच रहे होंगे की आखिर ये कैसे होता होगा तो आगे हम इसी बारें में बात करने जा रहे है….
ब्लैक आई चाइल्ड उस बच्चे की आत्मा है जिन्हे जीने की चाह होती है लेकिन किसी न किसी वजह से वह जन्म लेते ही या फिर अकाल मृत्यु का शिकार हो जाते है। और ये बात तो हम सभी जानते है कि आत्मा बहुत ताकतवर होती है. इसका प्रयोग तांत्रिक लोग अपने बुरे कामों को अंजाम देने में ही ज्यादातर करते हैं या किसी परिवार या शत्रु के वंश के ऊपर इसका प्रयोग किया जाता है. कच्चा कलुआ ऐसी आत्माएं हैं जिनका संस्कार वकायदा ढंग से ना किया गया हो यानी आखिरी संस्कार. तब वह खुद-ब-खुद ऊर्जा का रूप ले लेते हैं. इनके पास घातक शक्तियां होती हैं. यह बड़े से बड़े काम को अंजाम दे सकती हैं. इनकी शक्तियां चरम पर हो जाती है इसलिए इन पर काबू भी करना बहुत ही मुश्किल होता है. मसान यानी कच्चा कलुआ.
छोटे बच्चे की आत्मा होती है सिर्फ़ एक ऐसी आत्मा है जो मंदिर में भी आ जा सकती है. और बालक स्वरूप में इस पर काबू पाना आसान नहीं होता है. गर्भ में पलने वाला बच्चा यदि जन्म के दौरान मर जाए या बच्चा जिसकी उम्र 9 वर्ष से कम है मरने पर उसका दाह संस्कार अच्छी प्रकार ना किया गया हो. यह ज्यादातर जिन्हें दफनाया गया या नदी में प्रवाहित किया गया हो. वकायदा संस्कार ना होने के कारण यह स्वयं ही भटकने लगती है. यदि बच्चा पैदा होता है तो उसकी नाल को काट दिया जाता है किंतु जब गर्भपात हो जाता है तो ऐसा हो ही नहीं पाता. तब गर्भ का जीव कच्चा मसान जिसे कहते हैं. वह माया से जुड़ कर रह जाता है. जो कि उस जीव को अजेय बना देती है क्योंकि वह जुड़ी रहती है. अपनी मां से वहां से शक्तियां प्राप्त कर रही होती है तो यह जीव आत्मा प्रकृति ब्रह्मांड से शक्ति प्राप्त करती है.
आमतौर पर ही धारणा है कि गर्भपात होने पर उस गर्भ का जीव जो है, वह खत्म हो जाता है. लेकिन जीव तो स्वयं माया का सहभागी हो. घर से संसार से अलग अपना एक तांत्रिक खेल खेलता है. मसान कोई छोटी आत्मा नहीं होती है. यह बच्चों की आत्माओं से बनती है और उनकी शक्तियां भी अपनी चरम पर पहुंच जाती है. देखा गया है कि इनकी मुक्ति इनके माता-पिता ही करवा सकते हैं क्योंकि यह छोटे बालक की उर्जा होती है. इसलिए यह बहुत अधिक शैतानी करते हैं और अपने शिकार को खेल-खेल में ही मार भी डालते हैं. कच्चा मसान/ गुम मसान या कच्चा कलवा जो जीव गर्भ में खत्म हो जाता है, उसे हम कहते हैं लेकिन जो कच्चा कलुआ होता है, वह एक छोटा बच्चा होता है जो दूध तो पीता हो, अन्न ग्रहण करने से पहले ही उसकी मौत हो गई हो या नहीं वक्त? मूल खाने या भोजन को ग्रहण ना कर पाया हो. पित्र! जो होते हैं वह ऐसे होते हैं जो बालक जीव अन्न ग्रहण करने लगे. साधारण तौर पर वह बच्चा जो 6 साल तक अन्न ग्रहण करने लग जाता है और उस जीव का शादी ना हुआ हो, चाहे उसकी उम्र 80 साल ही क्यों ना हो.
ऐसा भी जीव मौत उपरांत पित्र योनि को चला जाता है इसी प्रकार ऊत का शादी तो हुआ हो लेकिन उसकी कोई संतान ना हो. उसे कहते हैं इसके अतिरिक्त मुंजा, ब्रह्मराक्षस कभी इस तरह की अनेक योनिया है. मसान कोई भी हो अधिकांश वह ताकतवर क्यों होते हैं? और छोटे बच्चे एक कच्चा कलुआ जो होता है वह बहुत ही अधिक ताकतवर माना जाता है क्योंकि शीघ्र किसी के नियंत्रण में नहीं आता है. छोटे बच्चे पर काबू करना कितना मुश्किल होता है. आप लोग समझ सकते हैं और जब वह आत्मा के रूप में हो तो कितना मुश्किल हो सकता है. यह इतने छोटे होने की वजह से ही मंदिर जैसी पवित्र स्थान पूजा-पाठ, अनुष्ठान वाली जगहों पर भी घूमते रहते हैं और अपने सभी कार्य कर डालते हैं. इसी से आप अनुमान लगा सकते हैं कि जब उन पर काबू नहीं किया जा सकता तो यह कुछ भी करने में समर्थ होते हैं. इससे सबसे अधिक खतरा गर्भवती स्त्री को होता है. यदि कोई गर्भवती स्त्री कच्चा कलुआ की चपेट में आ जाती है तो उसके गर्भ को बचाना बहुत मुश्किल होता है. कच्चा कलुआ सबसे अधिक इनकी ओर आकर्षित भी होता है और यदि किसी गर्भवती स्त्री पर कच्चा कलवा यानी मसान धावा कर दे तो सबसे पहले वह अपना निशाना गर्भ में पल रहे भ्रूण को ही बनाता है जिसकी वजह से गर्भ गिर जाता है या खत्म हो जाता है. यह साधना केवल अच्छे कार्यों के लिए ही करनी चाहिए क्योंकि अधिकांश इस साधना को लोग सिर्फ़ बुरे कर्मों के लिए ही करते हैं. वैसे तो हम इस तरह किसी भी घटना की कोई पुष्टि नहीं करते, लेकिन आपके साथ यदि कभी भी ऐसा कुछ घटित हो तो अपना ध्यान रखें…