सिर में कहां से आ जाती है जूं, उठा रहस्य से पर्दा
सिर की जूं, वे छोटे-छोटे कीड़े हो पंखहीन होते हैं और हमारी खोपड़ी को संक्रमित कर देते हैं। इनकी वजह से सिर में खुजली होती है और कई बार शर्मिंदगी की वजह भी बन जाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि ये घातक जीव आखिर आते कहां से हैं? ये सिर में ही घर क्यों बनाते हैं? इतने लंबे वक्त तक कैसे सिर में बने रहते हैं? वैज्ञानिकों ने इस रहस्य से पर्दा उठाया है। ये भी कहा कि आखिर आप कैसे इन कीटों से बच सकते हैं।
सबसे खास बात, सिर की जूं आमतौर पर किसी संक्रमित आदमी के साथ सीधे संपर्क में आपने पर फैलती है। यदि सिर से सिर नहीं टकराया तो ये नहीं फैल सकते। क्योंकि जूं कूद या उड़ नहीं सकते। केवल रेंगकर ही एक शख्स से दूसरे शख्स तक पहुंच सकते हैं। आज से नहीं बल्कि सहस्राब्दियों से इंसानों को परेशान कर रहे हैं। लंदन के वैज्ञानिकों ने इस पर लंबी रिसर्च की। पाया कि सिर की जूएं हमारे पूर्वजों से हमें मिले हैं। पहले ये शरीर पर उगने वाले बालों में भी रहा करते थे, लेकिन जैसे-जैसे मनुष्य विकसित हुए और उन्होंने कपड़े पहनना प्रारम्भ किया, ये खोपड़ी में स्थायी रूप से रहने लगे।
मिस्र की ममी के सिर पर भी जूं पाई गई
लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक, प्राचीन मिस्र की ममी के सिर पर भी जूं पाई गई थी। बाइबिल और ग्रीक साहित्य में भी इसका जिक्र है। इससे पता चलता है के ये हजारों वर्ष से उपस्थित हैं। इंसानी रक्त पर जिंदा रहने वाले जूं ने बालों की जड़ों को पकड़ने के लिए विशेष पंजे विकसित किए हैं। इससे ये इनका तेजी से विकास हुआ है। मादा जूं खोपड़ी के करीब अंडे या निट्स देती हैं, जहां वे अच्छी तरह से संरक्षित होती हैं। आदमी के शरीर से उन्हें गर्मी मिलती है। बाद में ये लीखें निम्फों में बदल जाती हैं, जो परिपक्व होकर वयस्क जूं बन जाती हैं। एक वयस्क मादा जूं रोजाना कई अंडे दे सकती है। यदि इन्हें साफ न किया जाए तो हफ्तेभर में ये पूरे सिर को छाप लेते हैं।
क्लैड बी हेड जूं की उत्पत्ति उत्तरी अमेरिका में हुई
एक्सपर्ट के मुताबिक, क्लैड बी हेड जूं की उत्पत्ति उत्तरी अमेरिका में हुई, लेकिन यह इंसानों के माध्यम से ही ऑस्ट्रेलिया-यूरोप सहित दुनिया के अनेक हिस्सों में चली गई। गोरिल्ला और चिंपैंजी जैसी प्रजातियों में भी ये पाए गए हैं। लगभग 13 मिलियन साल पहले से इनके इंसानों के शरीर पर होने के सबूत मिलते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक, आज साइंस ने इससे निपटने के लिए अनेक तरह के ढंग ढूंढ निकाले हैं। प्रिस्क्रिप्शन शैंपू, बारीक दांतों वाली कंघी, जूं और उनके अंडों को समाप्त करने में सहायता कर सकती हैं। कई केमिकल्स भी आए हैं, जो इनका तेजी से सफाया करते हैं। लेकिन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है कि किसी ऐसे शख्स के साथ सिर से सिर के संपर्क में न आएं, जिसके सिर में जूएं हों।