सूदखोरों से परेशान होकर इंदौर में फिर एक व्यवसायी ने की आत्महत्या
इंदौर। सूदखोरों से परेशान होकर इंदौर में फिर एक व्यवसायी ने खुदकुशी कर ली। सुसाइड से पहले उसने अपना वीडियो बनाया और पुलिस कमिश्नर से आरोपियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की। सुसाइड नोट में उसने अपने पूरे परिवार और बच्चों से माफी मांगी। ऋण के कारण वो बच्चों की फीस और कॉपी पुस्तक भी नहीं दिलवा पाया था।
मध्य प्रदेश में सूदखोरों का आतंक कम होता दिखाई नहीं दे रहा है। पिछले 15 दिन में इंदौर में सूदखोरों से परेशान दो लोगों ने सुसाइड कर लिया.14 जुलाई को एक हम्माल ने खुदकुशी कर ली थी और आज एक मसाला व्यवसायी ने परेशान होकर मृत्यु को गले लगा लिया। खुदकुशी से पहले उसने एक वीडियो बनाया और सुसाइड नोट भी लिखा। उसने पुलिस कमिश्नर से आरोपियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।
कारोबारी ने फांसी लगायी
शहर के आजाद नगर थाना क्षेत्र में 35 वर्ष के मसाला व्यवसायी ने अपने ही घर में फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला खत्म कर ली। आजाद नगर थाना पुलिस के अनुसार साहिल नगर के रहने वाले वीरेंद्र सेन ने खुदकुशी से पहले एक वीडियो बनाया। उसमें वीरेंद्र सेन ने रोते बिलखते हुए कहा कि वो सूदखोरों से काफी परेशान है। आए दिन सूदखोर उन्हें परेशान करते हैं। सूदखोर उनके गोदाम पर आकर उनके साथ गाली गलौज करते हैं।
सूदखोरों के नाम बताए
मृतक ने वीडियो में कहा कि शंकर शर्मा,राजू पाल,सुनील रायकवार से वो परेशान हो चुका है। उसने आरोपियो से 1 लाख रुपए का ऋण लिया था। उसके एवज में 1 लाख 20 हजार रुपए पहले ही दे चुका है। लेकिन उससे 7 लाख रुपए मांगे जा रहे हैं। सूदखोरों ने उनकी जीवन को बर्बाद कर दिया है। वीडियो में वीरेंद्र कह रहा है कि सूदखोरों के कारण उसकी दुकान, जमीन, घर सब कुछ बिक चुका है। वो आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। यहां तक कि वो अपने बच्चों की फीस भी नहीं भर पा रहे हैं। उसके बाद भी ये सूदखोर उसे परेशान करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
परिवार को परेशान न करें…
वीरेन्द्र सेन ने पुलिस कमिश्नर से गुहार लगाई कि उनके परिवार को परेशान ना किया जाए। इसी के साथ उन्होंने 5 पेज का एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है जिसे पुलिस ने जप्त कर लिया है और जांच में लिया है मृतक का मृतशरीर पोस्टमार्टम के लिए एमवाय हॉस्पिटल भेजा गया है और पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच प्रारम्भ की है.एक तरफ जहां उसने नोट में परिवार के किसी भी सदस्य को परेशान न करने की बात कही,तो वहीं आरोपियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है
वीरेंद्र का 5 पेज का सुसाइड नोट
श्रीमान कमिश्नर महोदय,
आपसे प्रार्थना है कि आप हमारा और हमारे परिवार का साथ देना प्लीज सर। इन लोगों ने मुझे बहुत परेशान किया है। 2016 से शंकर शर्मा,कल्याण शर्मा,पवनपुरी ने बहुत परेशान किया है। इनसे 2016 में एक लाख रुपए लिए थे। 40 हजार रुपए दे चुका हूं। इसके बाद भी इन लोगों ने मेरे विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराए हैं। 4 लाख 50 रुपए मांग रहे हैं। इन लोगों ने मुझे बर्बाद कर दिया है, मुझे बहुत परेशान किया है। ये लोग जीने ही नहीं दे रहे हैं। 2016 से इन लोगों को पैसे दे रहा हूं। मेरा बहुत अच्छा काम था सर। इन लोगों ने मुझे पूरा रोड पर ला दिया है। आप से हाथ जोड़ रहा हूं। मुझे न्याय दिलाना। मेरे परिवारवालों को अब ये लोग परेशान न करें।
मैं मरना नहीं चाहता…
वीरेन्द्र ने आगे लिखा सर मैं मरना नहीं चाहता हूं। पर ये लोग जीने नहीं दे रहे हैं। राजू पाल गली नं-2 मयूर नगर से मैंने एक लाख रुपए लिया था। दुकान बेचकर 1.20 लाख रुपए दे दिए। इसके बाद भी मुझ पर 7 लाख रुपए का ऋण बकाया बता रहे हैं। ये लोग मुझे जीने नहीं देंगे। सुनील रायकवार रोज धमकी देता है। इनके पास मेरा चेक भी है। पैसे देने के बाद भी ये चेक नहीं लौटा रहे। सर मैं बहुत परेशान हो चुका हूं।
सॉरी बेटा-मैं आपकी फीस नहीं भर पाया
वीरेन्द्र ने लिखा सॉरी पापा मम्मी भाई साब। मेरा छोटा भाई मेरा पूरा परिवार बहुत अच्छा है। सबने मेरा बहुत साथ दिया। सॉरी मेरी लक्ष्मी मुझे माफ करना। सॉरी मेरे बेटे शुभम, मेरा लाड़ला बेटा शिवा, शुभम मेरे बेटे तेरे ऊपर बहुत बढ़ी जिम्मेदारी छोड़कर जा रहा हूं। मेरे बेटे कभी तेरी मम्मी को परेशान मत करना और दादा दादी की सेवा करना बेटे। सॉरी शिवा बेटे मैं तेरी किताबें नहीं दिला पाया। सॉरी बच्चों मैं आपकी फीस नहीं भर पाया। सभी मेरे व्यापारी भाइयों मेरे बच्चों का व्यापार में साथ देना,प्लीज।