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यहाँ हैं MP का भूतिया पुल, 26 साल में 100 लोगों की हुई मौत

देश में छोटी बड़े मिलाकर हजारों पुल एवं पुलिया है इनमें एक पुल ऐसा है जहां रात के अंधेरे में लोग भूलकर भी नहीं जाते शाम ढलते ही यहां आवाजाही कम हो जाती है जैसे-जैसे अंधेरा बड़ने लगता है वैसे- वैसे लोगों की सांसे इस पुल पर गुजरते समय फूलने लगती है कई लोगों ने इस पुल से कूदकर सुसाइट भी किया है

बीते कुछ सालों के आंकड़ों पर नजर डाले तो पता चलता है अनगिनत लोग इस पुल पर अपनी जान गवां चुके है हम बात कर रहे है मध्य प्रदेश के खरगोन में नर्मदा नदी के ऊपर बने पुल की क्षेत्र के लोगों ने इस पुल को सुसाइट पॉइंट नाम दिया है यहां बीते 26 सालों में लगभग 100 लोग अपनी जान गवां चुके है

कहां बना है यें भूतिया पुल –
पुल खरगोन जिला मुख्यालय से 48 km दूर ग्राम माकड़खेड़ा एवं मंडलेश्वर के बीच नर्मदा नदी के ऊपर बना हुआ है पुल की लंबाई करीब 1 km हैं पुल जिले की दो तहसील महेश्वर और कसरावद को आपस में जोड़ता है पुल के ऊपर से गुजरने वाला रोड़ वर्तमान में चित्तौड़गढ़-भुसावल राजमार्ग कहलाता है

5 वर्षों में 12 लोगों ने किया सुसाइट –
स्थानीय रहवासियों की मानें तो जिन लोगों की यहां मृत्यु हुई है उनकी आत्मा भटकती है रात के समय पुल के निकट जानें पर लगता है, मानों पुल अपनी और खींच रहा है कई लोग यहां सेल्फी लेते समय, तो कुछ नर्मदा में पूजन सामग्री डालते समय गिर गए कुछ ने पुल से कूदकर खुदकुशी कर ली मंडलेश्वर पुलिस से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार बीते 5 वर्षो में 6 लोगों ने इस पुल से नर्मदा नदी में कूदकर अपनी जान दी है लगभग इतने ही आंकड़े कसरावद पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज है

रात में जानें से क्यों डरते है लोग –
क्षेत्र के आखिरी भार्गव ने कहा की जब से पुल बना है तब से लेकर आजतक रात के समय यहां जानें की हौसला नहीं हुई बहुत अधिक महत्वपूर्ण हो तो लोग गाड़ी से पुल पार कर लेते है, लेकिन पैदल जानें की किसी में हौसला नही है कई लोगों के पुल पर किसी अदृश्य शक्ति को यहां महसूस भी किया है

दबकर मरे थे कई लोग –
दिनेश पाटीदार ने कहा कि लगभग 26 वर्ष पहले यें बना था जब पुल बन रहा था तब यहां एक बड़ा दुर्घटना हुआ था बनते समय पुल का कुछ हिस्सा गिर गया था काम करने वाले करीब 20 से 25 लोग पुल के मलबे के नीचे दबकर मर गए थे उसके बाद जब पुल बना तो धीरे-धीरे कई लोग इस पुल से कूदकर मरने लगे

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