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स्‍कूल में चल रही खुदाई, तभी अंदर से न‍िकली ऐसी चीज…

पुराने भवनों की खुदाई में कई बार अप्रत्‍याश‍ित चीजें मिल जाती हैं ऐसा ही कुछ अमेर‍िका के मिनेसोटा में हुआ एक पूर्व हाईस्‍कूल की खुदाई चल रही थी, ताकि उसकी स्थान कोई नया निर्माण किया जा सके मजदूर काम पर लगे थे, तभी अंदर से ऐसी चीज निकली क‍ि देखकर सब दंग रह गए आप जानकर दंग होंगे क‍ि इस चीज का अयोध्‍या राम मंद‍िर के निर्माण में भी प्रयोग किया गया है, ताकि सालों बाद आवश्यकता हो, तो दुनिया को यह सबूत के तौर पर दिखाया जा सके

न्‍यूयॉर्क पोस्‍ट की रिपोर्ट के मुताबिक, स्‍कूल में मजदूर जब खंभे और दरवाजे ग‍िरा रहे थे, तभी मलबे के नीचे 1920 का एक टाइम कैप्सूल मिला है इसे तब दबाया गया था, जब दशकों पहले इस स्‍कूल का निर्माण क‍िया गया था जब इसे खोला गया तो अंदर विद्यालय के शिक्षकों और प्रशासकों का रोस्टर, हाई विद्यालय मैग्नेट, हाई विद्यालय समाचार पत्र, तीन क्षेत्रीय समाचार पत्र और कई महत्‍वपूर्ण दस्‍तावेज थे स्‍कूल मैनेजमेंट ने कहा, हम यह देखकर रोमांच‍ित हैं क‍ि स्‍कूल की नींव में यह मिली इससे हमें समुदाय के बारे में, यहां श‍िक्षा लेने वाले स्‍टूडेंट्स के बारे में काफी कुछ पता चलेगा

टाइम कैप्‍सूल आख‍िर होता क्‍या है?
अब आप सोच रहे होंगे क‍ि आख‍िर टाइम कैप्‍सूल होता क्‍या है? इसको इमारत की नींव में क्‍यों दबाया जाता है? टाइम कैप्सूल विश‍िष्‍ट सामग्री से बना एक कंटेनर होता है, ज‍िसमें कई सारे दस्‍तावेज रखे जाते हैं यह हर तरह के मौसम का मुकाबला करने में सक्षम होता है और कभी खराब नहीं होता कहते हैं क‍ि हजारों वर्षों तक इसे कोई हानि नहीं पहुंचता न ही यह सड़ता-गलता है, और न ही इसे आग से जलाया जा सकता है इसीलिए ज्‍यादातर ऐत‍िहास‍िक महत्‍व की इमारतों के नीचे इसे दबाया जाता है 30 नवंबर, 2017 में स्पेन के बर्गोस में करीब 400 वर्ष पुराना टाइम कैप्सूल मिला था. यह यीशू मसीह के मूर्ति के रूप में था मिनेसोटा में मिला टाइम कैप्‍सूल भी इतने दिनों बाद जस का तस था उसे कोई हानि नहीं पहुंचा था

 

भारत में कहां-कहां लगा टाइम कैप्‍सूल
आप जानकर दंग होंगे क‍ि हिंदुस्तान में भी कई इमारतों के नीचे टाइम कैप्‍सूल लगाया गया है अयोध्‍या में भव्‍य श्रीराम मंदिर के नीचे भी टाइम कैप्‍सूल दबाए जाने की बात कही गई है लाल किला, कानपुर के आइआइटी कॉलेज और कृषि यूनिवर्सिटी में भी इसे रखा गया है ऐसा इसल‍िए क‍िया जाता है ताकि भव‍िष्‍य में मंदिर या क‍िसी भी इमारत को लेकर कोई टकराव हो, तो इसे सबूत के तौर पर पेश क‍िया जा सके यह एक ऐसा सबूत होगा, जिसकी कोई काट नहीं होगी

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