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शनि के एक और चंद्रमा में हो सकता है जीवन, तापमान ने जगाई उम्मीदें

सौरमंडल में गुरु और शनि ग्रह के चंद्रमाओं में जीवन के होने की संभावनाएं देखी गई हैं लेकिन अभी इसकी पुष्टि करने का तरीका वैज्ञानिकों के पास नहीं है लेकिन एक रोचक खोज में वैज्ञानिकों ने इस तरह के चंद्रमाओं में एक और उम्मीदवार शामिल किया है हाल ही में हुए शोध में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि शनि ग्रह के एक चंद्रमा जिसकी सतह पर एक बहुत ब़ड़ा इम्पैक्ट क्रेटर है, पर जीवन हो सकता है  250 मील चौड़ी बर्फ की गेंद के रूप में मिमास उन चंद्रमाओं के समूह में शामिल की गई सबसे नयी खोज है जिनकी सतह के नीचे महासागर हैं

बताया जाता है कि यह क्रेटर स्टार वार के डेथ स्टार की तरह है, लेकिन सबसे रोचक दावा यह है कि इसकी पर्पटी के मीलों अंदर महासागर छिपा हुआ है शनि के टाइटन और एनसेलाडस और गुरु ग्रह के यूरोपा और गैनीमीड पहले ही ऐसे समूह में शामिल चंद्रमा हैं शोधकर्ताओं का बोलना है कि यह चौंकाने वाली बात है क्योंकि मिमास की सतह को देखकर लगता ही नहीं है कि इसके नीचे महासागर होगा

इसकी खास बातों को देख खगोलविदों ने दो संभवानाएं जताईं या तो अंदर का महासागर ने इसके बाहरी खोल को क्रोड़ से अलग ही बनने दिया या फिर इसके क्रोड़ पर बर्फ की एक चादर है नेचर में प्रकाशित शोध के अनुसार शनि के लिए नासा के कैसिनी अभियान से ली गईं तस्वीरों के आधार पर शोधकर्ताओं ने गणना की हैं, जिनसे पता चला है कि मिमास में सतह के नीचे महासागर छिपा है

बिना महागागर के मिमास के घमने और कक्षा में चक्कर लगाने की परफेक्ट व्याख्या हो ही नहीं सकती है यह महासागर 45 मील गहरा है जिसके ऊपर 15 मील का बर्फ का खोल है इसके महासागर के तल का तापमान करीब 10 डिग्री सेल्सियस है

शोधकर्ताओं का बोलना है कि जिस तरह से इस चंद्रमा के महासागर के निचले तल  के तापमान के नतीजे आ रहे हैं इस तापमान पर जीवन की आसार को सीधे खारिज नहीं किया जा सकता है लेकिन यदि यह छिपा हुआ महासागर सिर्फ़ कुछ करोड़ वर्ष पुराना हुआ तो जीवन ना होने की आसार अधिक है लेकिन यदि यह 2.5 करोड़ वर्ष से भी अधिक पुराना हुआ तो जीवन के होने की गुंजाइश है

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