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ऑस्ट्रेलियामें एक शख्स के झूठ से लाखों लोगों को दुनिया के सबसे कठिन लॉकडाउन का करना पड़ा सामना

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क पूरी दुनिया में 5 करोड़ से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 12 लाख से अधिक लोग इस वायरस के असर से अपनी जान गंवा चुके हैं इस वायरस के चलते पूरी दुनिया एक बार फिर से लॉकडाउन की ओर बढ़ रही है हालांकि, लोग अब भी सतर्क नहीं हो रहे हैं और कोविड-19 को लेकर अभी भी सावधानी नहीं बरत रहे हैं ऐसा ही एक मुद्दा साउथ ऑस्ट्रेलिया से सामने आया है, जहां एक शख्स के असत्य की वजह से लाखों लोगों को दुनिया के सबसे मुश्किल लॉकडाउन का सामना करना पड़ा

दरअसल, साउथ ऑस्ट्रेलिया राज्य के प्रीमियर स्टीवन मार्शल ने एडिलेड में एक मीडिया कॉन्फ्रेंस के दौरान बोला कि एक शख्स कोविड-19 वायरस से संक्रमित है इसके बाद जब ऑफिसरों ने इस शख्स से पूछा तो उसने कहा कि वह पिज्जा खरीदने गया था और इसी दौरान वह कोविड-19 से संक्रमित हो गया इसके बाद अधिकारी दंग रह गए ऑफिसरों का मानना ​​है कि दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में Covid-19 का एक बहुत घातक स्ट्रेन आ गया है, जो इसके संपर्क में आने वाले किसी भी आदमी को मिनटों में संक्रमित कर देगा

इसके बाद गवर्नमेंट ने दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में लॉकडाउन की घोषणा कर दी ये लॉकडाउन 6 दिनों के लिए था और बताया जा रहा है कि ये दुनिया का सबसे कठोर लॉकडाउन था गवर्नमेंट ने एक घर से सिर्फ़ एक ही आदमी को बाहर निकलने की इजाजत दी कुछ जरूरी वस्तुओं को छोड़कर सभी कार्यालय और दुकानें बंद थीं लोगों को कठोर आदेश दिया गया कि महत्वपूर्ण होने पर ही घर से बाहर निकलें

हालांकि, बाद में जब गवर्नमेंट को सच्चाई पता चली तो वह दंग रह गईं बाद में जांच से पता चला कि जिस आदमी के कारण यह सब हुआ वह झूठा था वह आदमी एक ही पिज़्ज़ा की दुकान पर काम करता था और पिछले कुछ दिनों से भिन्न-भिन्न शिफ्ट में काम कर रहा था जैसे ही गवर्नमेंट को इसकी जानकारी मिली तो उसने लॉकडाउन हटाने का निर्णय कर लिया

मार्शल ने संवाददाताओं से कहा, “उस आदमी की कहानी सामने नहीं आई वह सीधे तौर पर कुछ भी सामने नहीं ला सका हमने उसका पीछा किया अब हम जानते हैं कि उसने असत्य कहा था यदि उस आदमी ने संपर्क ट्रेसिंग टीमों को सच बताया” छह दिनों के लॉकडाउन में जाएं” दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के पुलिस आयुक्त, ग्रांट स्टीवंस ने बोला कि मौजूदा कानून के अनुसार असत्य बोलने पर “कोई दंड नहीं” है, यही कारण है कि शायद ही कभी दंडित किया जाता है लेकिन ऑफिसरों का बोलना है कि वे मुद्दे की समीक्षा करेंगे करेंगे

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