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ये मुस्‍ल‍िम न होता तो भारतीय नहीं ले पाते कॉफी का स्‍वाद…

कॉफी दुनिया में सबसे लोकप्र‍िय पेय में से एक है पानी-चाय के बाद सबसे ज्‍यादा इसे ही पीया जाता है यूरोपीय राष्ट्र फ‍िनलैंड में तो हर घर में इसे प्रतिदिन चाय की तरह पीया जाता है लेकिन क्‍या आपको पता है क‍ि कॉफी आया कहां से? एक जंगली पौधा लोगों को इतना पसंद कैसे आया? एक रिसर्च में इसके बारे में विस्‍तार से कहा गया है लेकिन क्‍या आपको पता है क‍ि हिंदुस्तान में इसे एक मुस्‍ल‍िम संत लेकर आए यदि वे नहीं होते, तो शायद भारतीय कभी कॉफी का स्‍वाद नहीं ले पाते

लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया की लगभग 60 प्रतिशत कॉफी अरेबिका पौधे से बनाई जाती है ये ज्‍यादातर अफ्रीकी राष्ट्रों में उगाए जाते हैं लेकिन इसके जन्‍म की कहानी बहुत दिलचस्‍प है नेचर जेनेटिक्स जर्नल में पब्‍ल‍िश एक रिसर्च में वैज्ञान‍िकोंं ने कहा क‍ि अरेबिका पौधा था ही नहीं आज से 10 लाख वर्ष पहले इथियोपिया के जंगलों में जब कॉफी की दो अन्य प्रजातियों का मिलन हुआ तो इसका जन्‍म हुआ हुआ यूं क‍ि हवा की वजह से दोनों प्रजात‍ियों से निकले परागकण मिलकर अरेबिका पौधे को जन्‍म दिया ये दो प्रजात‍ियां सी यूजेनियोइड्स और सी कैनेफोरा थीं

सी अरेबिका एक हाइब्रिड पौधा
स्टेट यूनिवर्सिटी के जीवविज्ञानी और रिसर्च टीम के सदस्‍य विक्टर अल्बर्ट कहते हैं, सी अरेबिका एक हाइब्रिड पौधा है परागणों के मिलन से ये तैयार हुआ और इसी के साथ दुनिया की प्रसिद्ध कॉफी का जन्‍म हुआ पहले बोला गया था क‍ि कॉफी के पौधे का जन्‍म आज से 10 हजार वर्ष पहले हुआ इस थ्‍योरी को वैज्ञान‍िकों की इस टीम ने खार‍िज कर दिया शोधकर्ताओं ने कहा, हमने अरेबिका के बीज पर जेनेटिक रिसर्च की, जो हमें बताती हैं क‍ि यह 60000 वर्ष से 10 लाख वर्ष पहले पैदा हुआ

एक मुस्‍ल‍िम शख्‍स ले आया भारत
ऐसा माना जाता है क‍ि इससे पहले इसकी खेती इथियोपिया में ही प्रारम्भ हुई वहां से मध्‍य पूर्व में इसका कारोबार प्रारम्भ हुआ फ‍िर पूरे विश्व में फैली मध्‍य पूर्व में 15वीं शताब्दी तक यह एक प्रसिद्ध पेय हुआ करता था कहते हैं क‍ि मक्का जाने वाले एक भारतीय सूफी मुसलमान यमन से सात बीज लेकर हिंदुस्तान आए थे 1670 के आसपास उन्हें कर्नाटक की चंद्रगिरि पहाड़ियों में लगाया और यहीं से हिंदुस्तान में कॉफी की आरंभ हुई आज 50 से ज्‍यादा मुल्‍कों में अरेबिका के पौधे उगाए जाते हैं

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