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पटना में दो मौसेरी बहनें निकाह कर एक साथ जीने मरने की खायी कसमे

सुप्रीम न्यायालय ने समलैंगिक शादी को गलत माना और इसलिए इसे कानूनी मान्यता देने से मना कर दिया, लेकिन समाज में कुछ ऐसे लोग मिल ही जाते हैं जो जबरन ऐसी जीवन जीना चाहते हैं कुछ ऐसा ही मुद्दा राजधानी पटना में देखने को मिला, जहां दो मौसेरी बहनें विवाह कर एक साथ रह रही हैं उनका बोलना है कि हमदोनों जीवन भर एक साथ रहना चाहते हैं अपने बारे में जानकारी देते हुए इन्होंने स्वयं को सीवान जिला के अहमद थाना क्षेत्र के एचएच नगर निवासी खुर्शीद अहमद की बेटी निवासी रोशनी खातून (21) और तरवार थाना क्षेत्र के मंजूर आलम की बेटी तराना खातून (18) है, जो पटना में एक साथ दंपती की तरह रह रही हैं

सीवान से भागकर रह रहे पटना में 

परिजनों का बोलना है कि यह दोनों सीवान से भागकर पटना में एक साथ रहने लगी इनकी मर्जी की जानकारी मिलने के बाद परिजनों ने इस बात पर विरोध जाहिर की थी, लेकिन इन दोनों पर समलैंगिक शादी करने का पागलपन सवार था दोनों का बोलना है कि हमलोग एक धर्म के हैं आपस में सम्बन्धी भी हैं फिर उन्हें ऐसा करने में कठिनाई क्या है हमलोगों ने विवाह कर लिया है और अब एक दूसरे से अलग नहीं रह सकते

हालांकि इनकी इस विवाह से दोनों के परिजन नाराज भी हैं और काफी परेशान भी हैं

एसएसपी को दिया आवेदन 

यह मुद्दा तब प्रकाश में आया जब यह दोनों बहनें परिजनों के विरोध के बाद पटना के एसएसपी को लिखित आवेदन देकर स्वयं की सुरक्षा की गुहार लगाई है आवेदन में लिखा है कि हम दोनों वयस्क हैं और अपनी मर्जी से एक साथ रहना और जीना चाहते हैं हमारा परिवार समलैंगिकता का विरोधी है, इसलिए वेलोग इस बात का विरोध कर रहे हैं इस स्थिति में ऐसा संभव है कि वेलोग हमदोनों पर धावा भी करवा सकते हैं भविष्य में यदि ऐसा कुछ होता है तो इसके उत्तरदायी हमलोगों के माता-पिता होंगें

महिला पुलिस स्टेशन में हाई वोल्टेज ड्रामा

पटना एसएसपी के पास आवेदन देने के बाद एसएसपी ने स्त्री थाना को बुलाकर मुद्दा स्त्री थाना को सौंप दिया स्त्री थानाध्यक्ष दोनों को स्त्री थाना ले आई, जहां दोनों ने पहले जमकर हंगामा किया और फिर अपने परिजनों के विरुद्ध लिखित कम्पलेन दर्ज कराई पुलिस को दिए गये आवेदन में उसने कहा कि पिछले तीन वर्ष से दोनों एक साथ रह रहे हैं जब परिजन दोनों को अपने अपने घर ले जाने लगे तब दोनों एक दूसरे से लिपटकर खूब नौटंकी कीअपने परिजनों के विरुद्ध लिखित कम्पलेन दर्ज कराई है स्त्री थानाध्यक्ष ने दोनों का काउंसिलिंग भी किया लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ अंत में उन्हें छोड़ दिया गया और दोनों परिजन भी वापस अपने अपने घर लौट गए

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