मिनीबस ड्राइवर ने दिनदहाड़े एक महिला का किया अपहरण
जयपुर: 16 दिसंबर 2012 की वो काली रात आज भी दिल दहला देती है, जब दिल्ली में चलती बस में छह हवसी लोगों ने एक लड़की से सामूहिक दुष्कर्म किया था। दिल्ली का निर्भया काण्ड आज भी देशवासियों में आक्रोश भर देता है। अब राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक ऐसी ही शर्मनाक घटना सामने आई है। यहाँ बीते गुरुवार को एक मिनीबस ड्राइवर ने दिनदहाड़े एक स्त्री का किडनैपिंग कर लिया। घटना के समय पीड़िता की सास उसके साथ उपस्थित थी। उसने लोगों से सहायता की गुहार लगाई, मगर कोई आगे नहीं आया। उधर, पीड़िता का पति जब किडनेपिंग की रिपोर्ट दर्ज कराने पुलिस स्टेशन पहुंचा तो पुलिस ने उसे डांटकर खदेड़ दिया। देर रात स्त्री बेहोशी की स्थिति में सड़क किनारे पड़ी मिली।
इस घटना की जानकारी मिलते ही एक सियासी दल के कार्यकर्ता पुलिस स्टेशन पहुंचे, तब जाकर पुलिस ने इस संबंध में मुद्दा दर्ज किया। पीड़ित परिवार की कम्पलेन के आधार पर पुलिस ने आरोपी बस ड्राइवर को फ़ौरन अरेस्ट कर लिया। पीड़िता ने जो आपबीती सुनाई उसे सुनकर हर कोई दंग रह गया। कोई भी इस बात पर सरलता से विश्वास नहीं कर सकता कि कोई इतना क्रूर कैसे हो सकता है कि किसी स्त्री का दुष्कर्म करने के बाद उसे जान से मारने के इरादे से चलती बस से नीचे फेंक दे। इससे भी बड़ा मामला है पुलिस की भूमिका। अगर पुलिस इस मुद्दे में वक़्त पर कार्रवाई कर लेती तो शायद पीड़िता की आबरू बच जाती। मगर पुलिस ने 24 घंटे के अंदर आने की बात कह कर पीड़ितों को भगा दिया।
रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता का पति किसी काम से दूसरे शहर गया हुआ था। दोपहर का वक़्त था। पीड़िता अपनी सास के साथ सब्जी खरीदने बाजार गयी थी। उसी वक़्त एक मिनी बस का ड्राइवर उसे जबरन बस के अंदर खींच ले गया। पीड़िता की सास सहायता के लिए चीखने लगी, लेकिन कोई नहीं आया और मौका देखकर आरोपी बस लेकर भाग गया। सास ने पति को सूचित किया। पीड़िता का पति शाम को दौड़ता भागता हरमाड़ा पुलिस स्टेशन पहुंचा। जब उसने पुलिसकर्मियों से अपनी पत्नी को बचाने की गुहार लगाई, तो पुलिस ने विपरीत उसे ही धमकाया और बेशर्मी से बोला कि वह स्वयं भाग गई है। वह शाम तक वापस आ जायेगी। अगर वह 24 घंटे के अंदर नहीं आई, तभी इस मुद्दे में रिपोर्ट दर्ज की जाएगी। इसके बाद निराश पति स्वयं ही अपनी पत्नी को खोजने लगा।
पीड़ित पति के अनुसार, आधी रात को उसकी पत्नी घर से कुछ दूरी पर बेहोश पड़ी मिली थी। उसके चेहरे और शरीर पर चोट के निशान थे। उसके पास जाने पर पता चला कि आरोपी ने उसे जबरदस्ती शराब पिलाकर उसके साथ बलात्कार किया है। बता दें कि, राजस्थान में इस समय चुनाव चल रहे हैं। यही वजह है कि इस घटना की जानकारी मिलने के बाद एक सियासी दल के कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गये। उन्होंने पीड़ित परिवार के साथ मिलकर पुलिस के विरुद्ध नारे लगाना प्रारम्भ कर दिए। मामला बढ़ता देख पुलिस ने तुरंत केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश प्रारम्भ कर दी। मोबाइल लोकेशन के आधार पर आरोपी बस चालक राजेंद्र को अरैस्ट किया गया। इस मुद्दे को लेकर आरोपी से पूछताछ की जा रही है।
बता दें कि, राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों पर नजर डालें, तो राजस्थान में महिलाएं सबसे अधिक असुरक्षित हैं। साल 2020 के आंकड़ों के मुताबिक, राजस्थान में सर्वाधिक दुष्कर्म के मुद्दे सामने आए। इस वर्ष यहां 5,310 मुद्दे दर्ज किये गये हैं।
उल्लेखनीय है कि, 2012 में हुए निर्भया काण्ड ने पूरे राष्ट्र को झकझोर कर रख दिया था। वसंत विहार में एक पैरामेडिकल स्टूडेंट को उसके एक दोस्त के साथ बस में किडनैप कर लिया गया था। बस ड्राइवर, कंडक्टर और हेल्पर सहित 6 लोगों ने पहले तो उसे बुरी तरह पीटा। इसके बाद पीड़िता के साथ उसके दोस्त के सामने ही सामूहिक बलात्कार किया गया। यही नहीं एक नाबालिग आरोपी ने पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड भी डाल दी थी। इसके बाद आरोपी उसे नग्न हालत में बस से बाहर फेंककर फरार हो गए। इस जघन्य घटना ने पूरे राष्ट्र को झकझोर कर रख दिया था। इस घटना के बाद निर्भया के दोषियों को फांसी देने में सात साल लग गए। 20 मार्च 2020 को चार दोषियों को फांसी दे दी गई।