इस गांव के लोग नदी के पानी से निकाल लेते हैं सोना
सोना धरती से निकाला जाता है। दुनिया में कई स्थान इसकी खदानें हैं। एक्सपर्ट की टीम इस काम में लगी होती है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां लोग नदी के पानी से सोना निकाल लेते हैं। गवर्नमेंट ने इस पर रोक लगा रखी है। इसके बावजूद हजारों की संख्या में लोग इस काम में लगे हुए हैं और प्रतिदिन बहुत सारा सोना निकालकर बेच आते हैं।
मामला पाकिस्तान का है। यहां खैबर पख्तूनख्वा के नौशहरा जिले में स्थित कई गांवों में ये काम होता है। आप सोच रहे होंगे कि आखिर इतना सोना आता कहां से है? तो बता दें कि इन गांवों से सिंधु नदी, अबासीन नदी होकर बहती है। जिसकी तलहटी में सोने के कण पाए जाते हैं। ऐसे में प्रतिदिन सुबह हजारों की संख्या में लोग इसकी तलहटी से रेत छानकर निकालते हैं और लंबी मशक्कत के बाद उसमें से सोना अलग करते हैं। कुछ वर्ष से इस काम में ठेकेदार भी लग गए हैं, जो मशीनों के जरिये भारी मात्रा में रेत निकाल रहे हैं।
नदी की सतह पर सोने के कुछ कण मौजूद
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ वर्ष पहले पेशावर विश्वविद्यालय की एक टीम ने इस पर रिसर्च थी। पाया कि सिंधु नदी और काबुल नदी की सतह पर सोने के कुछ कण उपस्थित हैं। जिनती गहराई में आप जाते हैं सोने की मात्रा बढ़ जाती है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, चट्टानों पर ऊपर लावा के रूप में कई प्रकार की धातुएं निकलती हैं जो ग्लेशियर पिघलने पर नदी के पानी में शामिल होकर बह जाती हैं।सोना चूंकि भारी धातु है, इसलिए यह धरती की तलहटी में जाकर बैठ जाती है।
तीन ऐसी स्थान जहां आसार काफी ज्यादा
शोधकर्ताओं के मुताबिक, तीन ऐसी स्थान होती हैं जहां पानी में सोने के कण होने की आसार ज्यादा है। एक जहां पानी की दिशा बदलती है। दूसरा, जहां बांध होता और तीसरा, जहां नदियों का संगम हो। उनके मुताबिक, अटक में काबुल और सिंधु नदी के संगम पर ऐसी कीमती धातुएं बड़ी मात्रा में पाई गई हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि इसे निकाला कैसे जाता है? तो बता दें कि पानी से सोने के कणों को अलग करने के लिए ठेकेदार बड़ी-बड़ी मजबूत लोहे की छलनी लगाते हैं। इन्हें धोया जाता है। इससे
छलनी से छानकर निकालते सोना
नदी के किनारों पर बड़ी-बड़ी मजबूत लोहे की छलनी लगाई गई हैं और मशीनरी की सहायता से नदी से रेत, मिट्टी और पत्थर इसके ऊपर डालकर पानी की अधिक मात्रा से इसको धोया जाता है। बड़े पत्थर छलनी के ऊपर, जबकि रेत के कण नीचे कापरेट में फंस जाते हैं। कई घंटे की कवायद के बाद पानी की सहायता से सोने के कण से रेत को अलग किया जाता है। इस सोने को स्थानीय बाजार में भेजा जाता है, जहां उसे गलाकर सही सोना तैयार किया जाता है। हालांकि, इसकी गुणवत्ता को लेकर अक्सर प्रश्न उठते हैं।