दूर्वा घास के जाने गुणकारी फायदे, बीमारियों करेगा दूर
बोकारो। भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म में दूर्वा यानी घास को पवित्र माना गया है। इसका इस्तेमाल आदि काल से पूजा विधि में किया जाता रहा है। ऐसे में बोकारो के वरिष्ठ आयुर्वेदिक डॉक्टर डॉ।राजेश पाठक ने दूर्वा घास के गुणकारी लाभ बताएं हैं, जिसके जरिए आप स्वयं को स्वास्थ्य वर्धक रख सकते हैं।
डॉ। राजेश पाठक ने कहा कि दूर्वा घास की तासीर ठंडी होती है। इसका स्वाद कसैला और हल्का मीठा होता है। शरीर के बाहर और शरीर के अंदर दोनों ही समस्याओं के लिए यह कारगर औषधि है।
इन मामलों में औषधि से कम नहीं…
रक्तस्राव : अक्सर बच्चों को खेलने या गिरने से चोट लग जाती है। ऐसी स्थिति में दूर्वा घास का लेप लगाने से रक्तस्राव की परेशानी में आराम मिलता है, क्योंकि दूर्वा घास के लेप में उपस्थित गुण रक्त को थामने में सहायता करते हैं और चोट लगे जगह को ठीक करने में सहायता करते हैं। इसके लिए दुर्गा घास को अच्छी तरह धोकर बारिक काट लें फिर मिक्सर में पीसकर हल्का पानी मिलाकर उसे छलनी से छानकर लेप को चोट के जगह पर लगाएं तो रक्तस्राव कम होगा।
शरीर में जलन या खुजली: दूर्वा घास के लेप लगाने से शरीर मेंजलन और खुजली से राहत मिलती है, क्योंकि दूर्वा घास की तहसीर ठंडी होती है। इसके अंदर उपस्थित औषधीय गुण त्वचा को ठंडक पहुंचाते हैं और जलन-खुजली की परेशानी को दूर करती है।
सिर दर्द: अधिक पित्त गुनाह के कारण आदमी को सिर दर्द की परेशानी हो सकती है। ऐसे में दूर्वा घास का लेप सर के ऊपर लगाने से सिर दर्द कम होता है, क्योंकि रस में उपस्थित औषधिय गुण सिर की मांसपेशियों को आराम प्रदान करते हैं और सिर दर्द से राहत मिलती है।
नाक से खून : गर्मियों में कुछ लोगों को नाक से खून निकलने की परेशानी होती है। इस परेशानी में दूर्वा घास के रस की दो बूंद नाक में डालने से खून का बहाव कम करने में सहायता मिलती है। नाक से खून बहने की परेशानी दूर होती है।
पेशाब में जलन: कुछ लोगों को पेशाब करते समय जलन की परेशानी होती है। ऐसे मामलों में दूर्वा घास के रस का सेवन करने से जलन कम होती है, क्योंकि दूर्वा घास में उपस्थित विषाणुरोधक गुण पेशाब में जलन को कम करते हैं और शरीर को राहत प्रदान करते हैं।