बिहार

बिहार में ‘गालीकांड’ पर सियासी तूफान, चिराग ने तेजस्वी को लिखा पत्र, बोले…

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) कार्यकर्ताओं द्वारा लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान की मां वीणा पासवान को गाली देने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बिहार में सियासी पारा चढ़ गया. यह घटना जमुई निर्वाचन क्षेत्र में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की रैली के दौरान हुई. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे दृश्यों के अनुसार, भीड़ को राजद नेता तेजस्वी यादव की मौजूदगी में चिराग पासवान की मां को गालियां देते देखा गया.

चिराग पासवान ने बोला कि मैं इस बात से आहत हूं कि जिस नेता के सामने मेरे परिवार और मेरे साथ दुर्व्यवहार किया गया वह मेरा छोटा भाई है.‘ मुझ पर कई बार इल्जाम लगे हैं कि एनडीए का हिस्सा होने के बावजूद मैं लालू यादव और उनके परिवार के प्रति नरम रहता हूं. उन्होंने बोला कि सियासी मंच पर मेरा उनसे सीधा मुकाबला होगा लेकिन कुछ पारिवारिक मर्यादाएं हैं जो मेरे पिता के समय से चली आ रही हैं. मेरे पिता और लालू यादव दोस्त रहे, इसलिए उस परिवार से मेरे ऐसे संबंध हैं. मैंने हमेशा उन रिश्तों की गरिमा को बरकरार रखा है.

चिराग ने बोला कि मैंने सियासी तौर पर उनका विरोध किया लेकिन कभी भी इसे परिवार तक नहीं पहुंचाया. मुझे दुख है कि जब मेरे परिवार के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा था, तो मेरा छोटा भाई मंच पर था. मेरे लिए राबड़ी देवी मेरी मां हैं. यदि कोई उनके या मेरी बहनों मीसा भारती और रोहिणी आचार्य के लिए ऐसी भाषा का इस्तेमाल करता तो मैं करारा उत्तर देता. लेकिन मेरा छोटा भाई चुप रहा… उसने इसे कैसे नहीं सुना? केवल राजनीति के लिए, चुनाव जीतने के लिए- वो भी केवल एक सीट के लिए.

जमुई लोकसभा क्षेत्र से एलजेपी प्रत्याशी अरुण भारती ने बोला कि यह दुखद है और हम इससे आहत हैं. हमारे बीच सियासी झगड़े हो सकते हैं लेकिन पर्सनल रूप से हम मानते हैं कि उनके माता-पिता हमारे माता-पिता हैं. लेकिन केवल चुनाव जीतने के लिए तेजस्वी यादव की रैली में एक उम्मीदवार के लिए जो स्वयं एक स्त्री है, मेरी सास के साथ दुर्व्यवहार किया गया और उनके लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया और वे चुपचाप सुनते रहे, मुझे लगता है कि इसमें उनकी मौन सहमति शामिल है. एक स्त्री होने के नाते जो स्वयं को जमुई की बेटी कहती है, स्त्रियों की गरिमा की रक्षा करना उनकी (जमुई से राजद उम्मीदवार अर्चना रविदास) जिम्मेदारी थी जिसमें वह विफल रहीं.

गिरिराज सिंह ने बोला कि चिराग पासवान दलित हैं, राम विलास पासवान दलित हैं, तेजस्वी यादव अहंकार में आकर चिराग को गाली दे रहे हैं. जनता का वोट उनके अहंकार को समाप्त करेगा. पूरे मुद्दे को लेकर चिराग ने तेजस्वी यादव को पत्र भी लिखा है. उन्होंने बोला कि इससे बिहार में जंगलराज की यादें ताजा हो गई हैं. उन्होंने प्रश्न करते हुए बोला कि जब मेरी मां को गाली दी जा सकती है तो बिहार की मां-बेटियां कितनी सुरक्षित होंगी? उन्होंने स्पष्ट रूप से बोला कि जब चिराग की मां के बारे में गलत शब्द बोलने में उसका कुछ नहीं हुआ तो गांव की स्त्रियों के साथ वो क्या हरकत करेगा, यही जंगलराज है जिसकी आहट अभी ही सुनाई देने लग गई है.

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