छठ पर्व पर कद्दू भात का यह है शुभ मुहूर्त
छठ पर्व बिहार का सबसे बड़ा पर्व है। इस पर्व की आस्था अपरंपार है। इस पर्व को प्रकृति का पर्व भी बोला जाता है। 12 अप्रैल से चैती छठ का शुरुआत होने जा रहा है। जो 4 दिनों का मुश्किल व्रत है। इस पर्व में कद्दू के भात का विशेष महत्व है। इसमें ईश्वर सूर्य की उपासना की जाती है। कद्दू भात का शुभ मुहूर्त 4.56 बजे से है। इसके बाद ही गंगा स्नान कर प्रसाद बनाने का कार्य आरम्भ कर सकते हैं।
क्या है कद्दू भात का महत्व
जब इसको लेकर पंडित गुलशन झा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कद्दू को फल माना गया है। इस दिन लोग गंगा स्नान करने के बाद कद्दू की सब्जी बनाते हैं। इसमें पूरी शुद्धता का ख्याल रखा जाता है। सेंधा नमक से इसमें प्रसाद बनाया जाता है।
जानें क्या है अर्घ्य का ठीक समय
पंडित जी ने कहा कि चैती सबसे पुराना व्रत है। कई सदियों से यह पर्व चलते आ रहा है। उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल को संध्या अर्घ्य, 15 अप्रैल को सुबह का अर्घ्य दिया जाएगा। शाम का अर्घ्य 5.30 से प्रारंभ हो जाएगा तो वहीं सुबह का अर्घ्य 5.55 से प्रारंभ होगा।
सेंधा नमक है काफी लाभदायक
पंडित जी ने कहा कि सेंधा नमक सही माना जाता है। इसलिए इस नमक से ही भोजन बनाया जाता है। डाइटीशियन अनिता कुमारी की मानें तो उन्होंने कहा कि सेंधा नमक में कई ऐसे तत्व होते हैं, जिससे शरीर को बहुत एनर्जी मिलती है। उन्होंने कहा कि यदि कोई आदमी को चक्कर आता है और इस नमक को पानी में मिला के पीने से इससे तुरंत निजात मिल जाएगा। इसलिए इस नमक का विशेष महत्व है। वहीं कद्दू को ऋतु फल भी माना जाता है। इसलिए इसका सेवन किया जाता है।
इसमें चढ़ाया जाता है मौसमी फल
पंडित जी ने कहा कि इसमें मौसमी फल चढ़ाया जाता है। इसमें गन्ना, नारियल, नारंगी समेत कई तरह के फल को चढ़ाया जाता है। यह षष्ठी के दिन मनाया जाता है। इसलिए इस पर्व को छठ पर्व के नाम से जाना जाता है।