बिहार एसकेएमसीएच के पीकू में जेइ व एइएस से पीड़ित होकर पहुंचे बच्चे
Bihar: मुजफफरपुर के एसकेएमसीएच के पीकू में जेइ और एइएस से पीड़ित होकर बच्चे फिर से पहुंचने लगे हैं. शुक्रवार की रात जेइ से पीड़ित 10 वर्ष के बच्चे की मृत्यु हो गयी. इस वर्ष जेइ से मृत्यु का पहला मुकदमा है. जिस बच्चे की जेइ से मृत्यु की पुष्टि हुई है, वह मोतिहारी के मधुबन थाना क्षेत्र के नौरंगिया गांव का था. एसकेएमसीएच से जारी रिपोर्ट के मुताबिक दुर्गा राय के दस वर्ष के पुत्र सचिन कुमार में जेइ की पुष्टि हुई थी. चार सितंबर को उसे एसकेएमसीएच के पीकू में भर्ती कर डॉक्टरों ने उपचार प्रारम्भ किया, लेकिन शुक्रवार की देर रात उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गयी.
अबतक 64 बच्चे चपेट में आ चुके..
वहीं सीतामढ़ी जिले के परिहार थाना क्षेत्र के कोकरिया निवासी सुशील कुमार के आठ वर्ष के पुत्र मुन्ना कुमार में एइएस की पुष्टि हुई है. उसे भर्ती कर उपचार किया जा रहा है. इधर पिछले दो दिनों में तीन बच्चे भर्ती हुए हैं. इस वर्ष अबतक 64 बच्चे एइएस और जेइ से पीड़ित होकर पीकू पहुंचे हैं. एक भी बच्चे की मृत्यु एइएस से नहीं हुई है.
मुजफ्फरपुर के 38 बच्चे हो चुके हैं भर्ती
जिले के 38 बच्चे एइएस से पीड़ित होकर हॉस्पिटल में भर्ती हो चुके हैं. जिले में इस वर्ष सबसे अधिक औराई में सात बच्चे पीड़ित हुए, जबकि सबसे कम शिवहर के तीन बच्चे पीड़ित हुए हैं. औराई से अधिक बच्चों के बीमार होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में कैंप कर रही है. कैंप कर हर घर के लोगों को एइएस से बचाव के लिए सतर्क भी कर रही है. अभी तक स्वास्थ्य विभाग एइएस प्रभावित मुशहरी, कांटी, बोचहां और मीनापुर को मान रही थी. लेकिन औराई से अधिक मुकदमा आने के बाद एइएस प्रभावित क्षेत्र में शामिल हो गया हैं.
मौसम की वजह से बीमार पड़ रहे बच्चे..
शिशु बीमारी विषेषज्ञ डॉ गोपाल शंकर सहनी कहते है कि जिलों में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एइएस) के कारण बच्चे पीड़ित होने लगे हैं. मौसम की तल्खी और हवा में नमी की अधिकता के कारण एइएस नामक रोग से इस साल अब तक बच्चों को बीमार कर रही है. हालांकि पिछले वर्ष की तुलना में हालांकि यह आंकड़ा राहत देने वाला है. जिले के 38 बच्चे, सीतामढ़ी से 12, शिवहर से 3, पूर्वी चंपारण से 5, पश्चिमी चंपारण से 6 बच्चों में एइएस की पुष्टि हुई हैं.