बिहार में यहां खुल रहा गरुड़ रेस्टोरेंट, मिलेगा मनपसंद खाना
भागलपुर में अब गरुड़ रेस्टोरेंट खोला जाएगा। इसमें गरुड़ को संरक्षित किया जाएगा। डीएफओ श्वेता कुमारी ने कहा कि इसको लेकर विभाग द्वारा कई तरह की पहल की जा रही है। इसके साथ ही ग्रामीणों के द्वारा भी गरुड़ को बचाने का कोशिश किया जा रहा है। क्योंकि इसकी विलुप्त प्राय पक्षी में गिनती की जाने लगी है। इसके बाद इसके संरक्षण को लेकर कई तरह की मुहिम चलाई जा रही है। इतना ही नहीं पर्यावरणविद भी उसको बचाने में लगे हुए हैं। इसके साथ ही अब भागलपुर वन विभाग के द्वारा गरुड़ को बचाने के लिए एक अच्छी पहल की जा रही है। गरुड़ को बचाने के लिए गरुड़ रेस्टोरेंट का निर्माण कराया जा रहा है। आपको बता दें कि हिंदुस्तान का तीसरा गरुड़ प्रजनन क्षेत्र भागलपुर के कदवा दियारा में स्थित है। जहां पर गरुड़ की एक बड़ी संख्या रहती है।
इसको लेकर डीएफओ श्वेता कुमारी ने से बात करते हुए बोला कि हम लोग तीन बिंदुओं पर काम कर रहे हैं। पहला संरक्षण, दूसरा पेड़ की प्रबंध और तीसरा भोजन। इसके लिए गरुड़ रेस्टोरेंट का निर्माण किया जा रहा है। क्योंकि उन्हें पर्याप्त मात्रा में भोजन मिल सके। हमलोग कदवा दियारा क्षेत्र में जहां पर गरुड़ का आवास है, वहां पर एक तालाब बनाएंगे। जिसमें मछली को डाला जाएगा। जहां पर गरुड़ आकर और पर्याप्त मात्रा में भोजन कर पाएंगे।
600 से अधिक गरुड़ भागलपुर में हैं मौजूद
उन्होंने कहा कि कई बार खेत में चूहे मारने वाली दवाई डाली जाती है, जिसके बाद उसे गरुड़ यदि खाता है तो उसकी मौत हो जाती है। ऐसे में उन्हें संरक्षित करना एक परेशानी है। इसलिए हम लोगों ने इस गरुड़ रेस्टोरेंट को प्रारंभ करने का फैसला लिया है। जिससे गरुड़ को भोजन उसके आवास के पास ही मिल सके। गरुड़ मित्र के द्वारा इसकी देखरेख की जाएगी। इससे गरुड़ पर्याप्त मात्रा में भोजन भी कर पाएंगे और उसकी मौत भी नहीं होगी। आपको बता दें कि पूरे विश्व में 1600 से अधिक गरुड़ है। जिसमें से 600 से अधिक गरुड़ भागलपुर में है। यह पक्षी कदम या पीपल के पेड़ पर रहते हैं। ग्रामीण भी उसको संरक्षण देते हैं। किसी तरह की नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। इसलिए इसकी संख्या में बढ़ोतरी हो रही है