अडानी पोर्ट्स और इजराइल के गादोत समूह ने मिलकर इजराइल में हाइफा बंदरगाह का किया अधिग्रहण
Israel-Iran War: इजराइल पर ईरान द्वारा ड्रोन और मिसाइल धावा किये जाने के बाद अब निवेशकों की नजर भारतीय शेयर बाजार पर है. हफ्ते के पहले व्यवसायी दिन सोमवार को हिंदुस्तान के शेयर बाजार का क्या रिएक्शन होगा, ये देखना अहम है. इस माहौल का असर अडानी ग्रुप की कंपनी- अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) पर भी पड़ने की संभावना है.
पोर्ट्स का अधिग्रहण
दरअसल, अडानी पोर्ट्स और इजराइल के गादोत समूह ने मिलकर इजराइल में हाइफा बंदरगाह का अधिग्रहण किया है. यह अधिग्रहण 1.18 अरब $ का है. इसमें भारतीय भागीदार अडानी की हिस्सेदारी 70 फीसदी और गादोत समूह का हिस्सा 30 प्रतिशत है. यह पर्यटक क्रूज शिप के मुद्दे में सबसे बड़ा बंदरगाह है. शिपिंग कंटेनर के मुद्दे में इजराइल का दूसरा सबसे बड़ा पोत है.
अडानी पोर्ट्स के शेयर की कीमत
अडानी ग्रुप की इस कंपनी के शेयर की बात करें तो 1343.65 रुपये है. एक दिन पहले के मुकाबले शुक्रवार को शेयर की मूल्य में 0.65% गिरावट आई. 2 अप्रैल 2024 को शेयर की मूल्य 1,425 रुपये थी. यह शेयर के 52 सप्ताह का हाई है. वहीं, 12 अप्रैल 2023 को शेयर 650 रुपये पर था. यह शेयर के 52 सप्ताह का लो है. अब देखना अहम है कि सोमवार को इस शेयर की क्या स्थिति रहती है.
भारत का क्या है स्टैंड
भारत ने इजराइल-ईरान के बीच घटनाक्रम पर चिंता जताते हुए तुरन्त तनाव कम करने की अपील की. हिंदुस्तान ने बोला कि क्षेत्र में उसके दूतावास भारतीय समुदाय के साथ संपर्क में हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा-हम इजराइल और ईरान के बीच बढ़ती शत्रुता से अत्यंत चिंतित हैं. इससे क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को खतरा है. मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार हम तनाव को तुरन्त कम किये जाने, धैर्य बरतने, अत्याचार से दूर रहने और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आग्रह करते हैं. विदेश मंत्रालय ने बोला कि हिंदुस्तान हालात पर करीब से नजर रखे हुए है.