फोन को रिस्टार्ट करना अच्छा होता है या पावर ऑफ…
फोन का इस्तेमाल लगातार बढ़ता जा रहा है और अब लोगों के बड़े-छोटे सभी तरह के काम इसी पर हो जाते हैं। टेलीफोन नया-नया रहता तो चलाने में बहुत मज़ा आता है कि लेकिन जैसे-जैसे ये पुराना होने लगता है, इसमें अनेक तरह की दिक्कते दिखने लगती हैं। कई बार तो टेलीफोन में कुछ ऐसी परेशानी आने लगती है कि जिसकी वजह से टेलीफोन फ्रीज हो जाता है और हम डिवाइस को तुरंत स्विच ऑफ कर देते हैं ताकि दोबारा ऑन करने पर टेलीफोन ठीक से चलने लग जाए। टेलीफोन में हमें पावर ऑफ और रिस्टार्ट दोनों ऑप्शन दिए जाते हैं। पावर ऑफ करने से टेलीफोन बंद हो जाता है और उसे हमें फिर से खोलना पड़ता है। वहीं रिस्टार्ट किया तो टेलीफोन अपने आप बंद होकर ऑन हो जाता है।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दोनों का काम एक जैसा तो दो ऑप्शन देने का लाभ किया है, और इन दोनों ऑप्शन से टेलीफोन में क्या होता है। हर सप्ताह अपने टेलीफोन को रीस्टार्ट करने से मेमोरी लीक रोकने में भी सहायता मिलती है। बैटरीज प्लस द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट में बोला गया था कि मेमोरी लीक तब होती है जब किसी ऐप को काम करने के लिए बड़ी मात्रा में मेमोरी की जरूरत होती है, लेकिन जब ऐप इस्तेमाल में नहीं होती है तो मेमोरी खाली नहीं होती है।
-अपने टेलीफोन को रिस्टार्ट करने से कनेक्टिविटी में आने वाली परेशानियों में सहायता मिल सकती है। पुराने SmartPhone कभी-कभी डेटा और Wifi से कनेक्ट नहीं हो पाते हैं और टेलीफोन को रीस्टार्ट करने पर उसे फिर से कनेक्ट करना पड़ेगा।
-अपने टेलीफोन को पावर ऑफ करने से इसके कैशे डेटा को साफ करने में सहायता मिलेगी, जिससे आपके टेलीफोन को ज़्यादा अच्छे से ऑपरेट किया जा सकेगा।
-फोन को शट डाउन और रिस्टार्ट करने के अतिरिक्त आपको टेलीफोन के बैकग्राउंड में चलने वाले ऐप्स को क्लियर करते रहना चाहिए। टेलीफोन चलने के दौरान इससे बैटरी हेल्थ पर दबाव पड़ सकता है।
-फोन को रिस्टार्ट करना आम तौर पर तब होता है जब टेलीफोन हैंग करता है, ऐप्स ठीक से नहीं चलती है, और सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी आने लगती है। लेकिन ये एक अच्छी प्रैक्टिस भी है, जिससे टेलीफोन अच्छे से चलता है।