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बिटकॉइन ने 46,000 डॉलर का लेवल किया पार

मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में शुक्रवार को 4.18 फीसदी की तेजी थी. पिछले कुछ हफ्ते में गिरावट के बाद बिटकॉइन ने 46,000 $ का लेवल पार किया है. इसका प्राइस लगभग 46,275 $ पर था. पिछले एक दिन में यह लगभग 1,770 $ बढ़ा है. बाजार एनालिस्ट्स का मानना है कि इनवेस्टर्स का सेंटीमेंट मजबूत होने से इसमें तेजी आई है.

Glassnode की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 19 जनवरी से छह फरवरी के बीच 1,000 से अधिक बिटकॉइन रखने वाले वॉलेट्स की संख्या 3.6 फीसदी बढ़ी है. दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether में 1.43 फीसदी की बढ़ोतरी थी. इसका प्राइस लगभग 2,449 $ पर था. पिछले एक दिन में इसका प्राइस 24 $ बढ़ा है. इसके अतिरिक्त Avalanche, Ripple, Binance Coin और Litecoin के प्राइस बढ़े हैं. पिछले एक दिन में क्रिप्टो का बाजार कैपिटलाइजेशन 3.08 फीसदी बढ़कर लगभग 1.76 लाख करोड़ $ पर था.

क्रिप्टो एक्सचेंज Mudrex के CEO, Edul Patel ने Gadgets360 को बताया, “चीन में न्यू ईयर के दौरान पहले भी बिटकॉइन में तेजी रही है. इसके प्राइस में बढ़ोतरी S&P 500 के उच्च स्तर पर पहुंचने के साथ हुई है. पॉजिटिव सेंटीमेंट के साथ तेजड़िए अगले रेजिस्टेंस लेवल के तौर पर इसे 50,000 $ की ओर बढ़ता देख रहे हैं.” ZebPay के COO, Raj Karkara का बोलना था, “ETF बाजार के अपडेट्स से बिटकॉइन में बढ़ोतरी हुई है और इसने 45,000 $ का लेवल पार किया है. Fidelity Wise Origin Bitcoin में गुरुवार को 13 करोड़ $ से अधिक का नेट इनफ्लो हुआ है. Ishares Bitcoin Trust की कुल वॉल्यूम 47 करोड़ $ से अधिक की रही है. ETF बाजार में इनफ्लो बढ़ने से बाजार ट्रेंड पॉजिटिव हुआ है.

इस साल बजट से पहले क्रिप्टो इंडस्ट्री ने केंद्र गवर्नमेंट से इस सेगमेंट पर टैक्स घटाने के अनुरोध किए थे. हालांकि, इंटरिम बजट में फाइनेंस मिनिस्टर Nirmala Sitharaman ने क्रिप्टो सेगमेंट का कोई जिक्र नहीं किया था. इससे इस इंडस्ट्री से जुड़े स्टेकहोल्डर्स निराश हैं. क्रिप्टो इंडस्ट्री को आशा है कि लोकसभा चुनाव के बाद नयी गवर्नमेंट की ओर से पेश किए जाने वाले बजट में इस सेगमेंट के लिए कुछ परिवर्तन किए जा सकते हैं. लगभग डेढ़ साल पहले गवर्नमेंट ने प्रत्येक क्रिप्टो लेंन-देंन पर एक फीसदी का TDS लगाया था. इसके साथ ही क्रिप्टो से मिलने वाले प्रॉफिट पर 30 फीसदी टैक्स लागू किया गया था. क्रिप्टो सेगमेंट से जुड़े स्टेकहोल्डर्स का बोलना है कि इससे क्रिप्टो की ट्रेडिंग एक्टिविटीज में कमी हुई है.

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