RBI ने बैंकों के लेवल पर CoF टोकन सुविधा की शुरू, वर्चुअल कोड में होगी पूरी जानकारी
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बैंकों के लेवल पर ‘कार्ड-ऑन-फाइल’ (CoF) टोकन सुविधा प्रारम्भ की है। इसके जरिये कस्टमर डेबिट या क्रेडिट कार्ड का टोकन बनाकर उसे भिन्न-भिन्न ई-कॉमर्स एप के एकाउंट से जोड़ सकेंगे। इससे पहले सीओएफ (CoF) टोकन सिर्फ़ मर्चेंट के ऐप या वेबपेज के जरिये से ही बनाया जा सकता था। सीओएफ टोकन की सहायता से औनलाइन भुगतान करते समय कार्ड की जानकारी दिए बिना पेमेंट किया जा सकता है।
वर्चुअल कोड में होगी पूरी जानकारी
कार्ड टोकनाइजेशन सिस्टम लागू होने से डेटा चोरी और फाइनेंशियल फ्रॉड से बचाव में सहायता मिलेगी। आरबीआई ने एक सर्कुलर में कहा, ‘सीओएफ टोकन सीधे कार्ड जारी करने वाले बैंकों के जरिये बनाया जा सकता है। इससे कार्डहोल्डर्स को एक बार में ही कई मर्चेंट के लिए कार्ड टोकन करने का एक्सट्रा विकल्प मिलेगा।’ सीओएफ टोकन में कार्ड से जुड़ी जानकारी जैसे 16 डिजिट का नंबर, क्रेडिट या डेबिट कार्ड की वेलिडिटी और सीवीवी नंबर की स्थान एक वर्चुअल कोड लेगा।
ऑनलाइन लेनदेन का सुरक्षित तरीका
हर कार्डहोल्डर्स के लिए कार्ड का टोकनाइजेशन कराना महत्वपूर्ण नहीं है। लेकिन यह औनलाइन लेनदेन का सुरक्षित तरीका है, इसमें कार्ड से जुड़ी वास्तविक जानकारी शेयर करने की आवश्यकता नहीं पड़ती। RBI ने सितंबर 2021 में CoFT की आरंभ की थी और पिछले वर्ष 1 अक्टूबर को इसका इम्पलीमेंटशन किया गया। सर्कुलर में यह भी बोला गया कि सीओएफटी जेनरेशन सिर्फ़ ग्राहक सहमति और एडिशनल फैक्टर ऑफ अथॉटिकेशन (AFA) के साथ ही किया जाना चाहिए।
आरबीआई की तरफ से कहा गया कि यदि कार्डहोल्डर अपने कार्ड को टोकन देने के लिए कई मर्चेंट का सिलेक्शन करता है तो सभी मर्चेंट के लिए एएफए वेरिफिकेशन को जोड़ा जा सकता है। कार्डहोल्डर सुविधानुसार किसी भी समय, नया कार्ड मिलने या बाद में कार्ड को टोकनाइज कर सकते हैं।