अक्षय कुमार की हीरोइन आयशा जुल्का क्यों पहुंची हाई कोर्ट…
Ayesha Jhulka Moves High Court: 90 के दशक में मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री से लेकर अपने फैंस के दिलों पर राज करने वाली खूबसूरत अदाकारा आयशा जुल्का एक वर्ष में 4 से 5 फिल्मों में नजर आया करती थी। हालांकि, वर्ष 2001 के बाद से अदाकारा कम ही फिल्मों में नजर आई और धीरे-धीरे गायब सी ही हो गईं। हालांकि, आज भी आयशा जुल्का किसी न किसी इवेंट या रियलिटी शो में नजर आ जाती हैं। इसके अतिरिक्त वो सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय रहती हैं।
हाल ही में आयशा जुल्का ने एक मुद्दे को लेकर बॉम्बे उच्च न्यायालय के दरवाजे खटखटाए हैं और न्यायालय में याचिका भी दाखिल की है, जिसको लेकर अदाकारा सुर्खियों में छा गई हैं। दरअसल, अदाकारा ने अपने पूर्व केयरटेकर द्वारा अपने कुत्ते की कथित मर्डर को लेकर बॉम्बे उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल की। आयशा जुल्का ने अपने मारे गए डॉगी रॉकी के लिए इन्साफ मांगने के लिए बॉम्बे उच्च न्यायालय का रुख किया है। रिपोर्टों के मुताबिक, उनके डॉगी को 2020 में उनके पूर्व केयरटेकर ने मार डाला था।
पेट डॉगी रॉकी को दिलाना चाहती हैं इंसाफ
साल 2020 में, आयशा जुल्का का पेट डॉग कथित तौर पर डूब कर मारा गया था और ये बयान अदाकारा के लोनावला वाले बंगले के केयरटेकर ने दिया था। उसने दावा किया था कि कुत्ते की पानी की टंकी में डूबने से मृत्यु हो गई। हालांकि, इस मुद्दे को लेकर अदाकारा को शक हुआ और उन्होंने कुत्ते के मृतशरीर को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मीडिया में छपी समाचार और रिपोर्ट्स के मुताबिक, नतीजों से पता चला कि उनके डॉगी की मौत दम घुटने/गला घोंटने से हुई थी।
केयरटेकर ने की थी कुत्ते की हत्या
इसके अलावा, सबूतों से ये भी पता चला कि ऐसा कोई संकेत नहीं मिला कि वो डूब रहा था, जैसा कि केयरटेकर द्वारा दावा किया गया था। इसके बाद, 17 सितंबर 2020 को आयशा ने इस मुद्दे की जांच के लिए एफआईआर दर्ज कराई। कुछ दिनों के बाद, देखभाल करने वाले राम नाथू आंद्रे ने ऑफिसरों के सामने कबूल किया कि उसने नशे की हालत में कुत्ते का गला घोंट दिया था। पुलिस ने उसे 25 सितंबर को अरैस्ट कर कारावास भेज दिया था। हालांकि, दो दिन बाद उन्हें जमानत मिल गई थी।
नहीं उठाया गया कोई ठोस कदम
इसके बाद 7 जनवरी, 2021 को मावल पुलिस ने मुद्दे में इल्जाम पत्र दाखिल किया था। इसके अतिरिक्त अदाकारा ने अभियोजन निदेशालय, मुंबई में भी एक कम्पलेन दर्ज करवाई थी, जिसमें कम्पलेन की गई कि सरकारी वकील मुद्दे की सुनवाई करने के लिए महत्वपूर्ण कदम नहीं उठा रहे हैं। जब अदाकारा को लगा कि कुछ नहीं हो रहा है तो वो उच्च न्यायालय गईं। वकील हर्षद गरुड़ के जरिए दाखिल याचिका में बोला गया है कि चार वर्ष बाद भी मुद्दे की कोई सुनवाई प्रारम्भ नहीं हुई है, क्योंकि वे अभी भी मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा इल्जाम पत्र पर विचार करने का प्रतीक्षा कर रहे हैं।