आमिर की Dangal मूवी को इस वजह से मिला U सर्टिफिकेट
आप सिनेमाघर में जो मूवी या मोबाइल-टीवी पर कोई सीरीयल देखने जाते हैं, उसकी पहले चेकिंग होती है। इसमें देखा जाता है कि कंटेंट बच्चों के देखने लायक है या नहीं।
इंडियन सेंसर बोर्ड क्या है
फिल्म या सीरीयल का कंटेंट देखने के दौरान भारतीय सेंसर बोर्ड का रोल बहुत अहम हो जाता है। इसका आधिकारिक नाम सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) है।
सीबीएफसी कौन नियंत्रित करता है
CBFC राष्ट्र के केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन काम करता है।
देश में कितने सीबीएफसी हैं
देश में केवल एक ही बोर्ड है, जिसका मुंबई में मुख्यालय है। दूसरे बड़े शहरों में भी इसके कार्यालय हैं।
S, U, U/A और A रेटिंग के मायने
CBFC के सदस्य मूवी या सीरीयल देखने के बाद कुल 4 तरह की रेटिंग जारी करते हैं।
U सर्टिफिकेट के मायने
U सर्टिफिकेशन का मतलब है कि इसे हर उम्र के दर्शक देख सकते हैं।
U/A सर्टिफिकेशन
इस सर्टिफिकेशन वाली मूवी को 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चे नहीं देख सकते। ऐसी राय सीबीएफसी की ओर से दी जाती है।
A सर्टिफिकेशन
जिन मूवी और सीरीयल के कंटेंट में गालीगलौच की भाषा, न्यूडीटी सीन या अत्याचार के दृश्य होते हैं, उनको A Certificate दिया जाता है। इसका मतलब है कि 18 वर्ष के ऊपर के लोग ही इसे देखने के लिए हैं।
S सर्टिफिकेशन
इस रेटिंग के अर्थ हैं कि विशेष समूह के लिए बना कंटेंट। मसलन डॉक्टरों और साइंटिस्टों के लिए फिल्माया गया कंटेंट।
U, U/A और A रेटिंग में अंतर
तीनों रेटिंग में बड़ा अंतर है। मसलन Dangal मूवी को U, जबकि Ragini MMS2 को A और War को U/A सर्टिफिकेशन मिला था।