रहमान ने फिल्म चमकीला के लिए इम्तियाज को दी थी ये सलाह
इम्तियाज अली अपनी हालिया रिलीज फिल्म चमकीला के लिए काफी तारीफें बटोर रहे हैं. इस फिल्म को जिस तरह से बनाया गया है, उसे लेकर भी काफी बातें हो रही हैं. फिर चाहे, स्क्रीन पर चल रहे पंजाबी गानों का अनुवाद दिखाना हो या बीच-बीच में चमकीला और अमरजोत का मृत शरीर दिखाना या फिर सीन में कहीं-कहीं एनिमेशन का इस्तेमाल करना. इन सभी कलात्मक फैसलों के कारण निर्देशक की काफी प्रशंसा हो रही है. हाल में ही इम्तियाज ने एक साक्षात्कार के दौरान फिल्मांकन में ली गई रचनात्मक आजादी के बारे में बात की है.
रहमान ने दी थी सलाह
एक साक्षात्कार में उन्होंने बोला कि रहमान ने उन्हें इस फिल्म को बहुत अधिक गंभीर ना बनाने की राय दी थी. उन्होंने गानों के जरिए इसे एक संगीतमय नाटक जैसा बनाने को बोला था. फिल्मांकन के चयन के ढंग को लेकर अपनी इम्तियाज ने बोला कि वह लोगों को इस दुखद घटना के बारे में बहुत अधिक डार्क ढंग से नहीं बताना चाहते थे. उन्होंने कहा, जैसे फिल्म के एक सीन में चमकीला के परफार्मेंस देखने के चक्कर में औरतें छत से गिर जाती हैं. एक कलाकार के लिए तो यह अच्छा अनुभव होगा कि उसे देखने के लिए इतनी भीड़ जुट रही है, लेकिन जो औरते गिरीं उनके लिए तो ये काफी भयावह रहा होगा. ऐसे में पर्दे पर यह देखना अच्छा अनुभव नहीं होता, इसलिए हमने इस स्थान पर एनिमेशन का इस्तेमाल किया है. इसमे आगे जोड़ते हुए निर्देशक ने कहा, मैंने कभी अपनी फिल्मों में स्मोकिंग करते नहीं दिखाया. हालांकि, चमकीला को स्मोकिंग करते दिखाना जरुरी था इसलिए मैंने वहां पर भी एनिमेशन का इस्तेमाल किया. मैं नहीं चाहता कि मेरी फिल्म देख कर कोई भी सिगरेट पीना शुरु कर दे’. इसके अतिरिक्त इम्तियाज ने फिल्म में चमकीला के गीतों को भी उनकी मूल भाषा में ही रखा है. वह हिंदी दर्शकों के लिए इन गानों को हिंदी में बना सकते थे, लेकिन उन्होंने इसके बजाए स्क्रीन पर उन पंजाबी गानों का अनुवाद लिखा दिखाया. इस पर उन्होंने बात करते हुए बोला कि यह रहमान का आइडिया था. रहमान ने उन्हें म्यूजिकल थियेटर वाला तरीका अपनाने का बोला था. इसके अतिरिक्त बाजा गाने में सिनेमा की चौथी दीवार वाला नियम तोड़ने को लेकर इम्तियाज ने कहा, ‘गाने में लोग सीधा कैमरे में देख कर दर्शकों से बात कर रहे हैं ताकि उन्हें चमकीला के चरित्र के भिन्न-भिन्न पहलुओं के बारे में बता सकें’. इम्तियाज ने फिल्म में चमकीला और अमरजोत की ओरिजिनल फोटोज़ दिखाने के पीछे अपनी सोच को लेकर भी वार्ता की.उन्होंने कहा,’इस फिल्म की शूटिंग के दौरान दिलजीत, परिणीति, मैं और सिनेमैटोग्राफर इस बात पर भावुक हो जाते थे कि यह सब सच में हुआ है. मैं सोचता था कि मैं कैसे यह अनुभव दर्शकों तक पहुंचा पाउंगा. इस वजह से हीं मैंने फिल्म में उनकी मौलिक फोटोज़ दिखाई हैं ताकि लगातार उनके बारे में याद दिलाता रह सकूं’