‘जाने बलमा घोड़े पे क्यों सवार है’ गाकर हुई फेमस: एआर रहमान ने कहा…
जिंदगी का प्रत्येक दिन एक नयी सीख देता है और मैं हर प्रोजेक्ट और उससे जुड़े इंसानों से कुछ नया ही सीखती हूं। यह बोलना है मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री की यंग और टैलेंटेड सिंगर सिरीशा भागवतला का।
फिल्म ‘कला’ के गाने ‘जाने बलमा घोड़े पे क्यों सवार है’ से फेमस हुईं सिरीशा हमेशा से प्लेबैक सिंगर रहीं। मगर, हाल ही में उनकी पहली एल्बम ‘तन्हा’ रिलीज हुई। बतौर सिंगर उनका यात्रा सरल नहीं रहा। कई वर्ष तक कई भाषाओं में कोसर और डुएट सॉन्ग गाने के बाद उन्हें ‘कला’ में पहला साेलो और हिंदी का पहला गाना गाने का मौका मिला।
साढ़े 3 वर्ष की उम्र से कर्नाटक म्यूजिक सीखने लगी
मैं छत्तीसगढ़ के रायपुर में पैदा हुई। हालांकि, मैं साउथ इण्डिया से हूं। मेरे पापा सेंट्रल बैंक ऑफ इण्डिया में मैनेजर हैं। 8 वर्ष की उम्र में मेरी फैमिली आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में शिफ्ट हुई। शायद इसलिए तेलुगु के साथ मैं हिंदी भी जानती हूं।
मेरे पापा हिंदी और तेलुगु में कविता और कहानियां लिखते हैं। मां-पापा भी गाते हैं, लेकिन वह प्रोफेशनल सिंगर नहीं हैं।
मेरे घर में म्यूजिक का इतना क्रेज है कि बचपन से ही मेरे घर की सुबह म्यूजिक के साथ प्रारम्भ होती।
जब मैं साढ़े 3 वर्ष की थी, तब से मैंने कर्नाटक म्यूजिक सीखना प्रारम्भ कर दिया था।
मां की चाहत ने बनाया सिंगर
आज यदि मैं सिंगर हूं तो मां के देखे गए सपने की बदौलत। वह हमेशा से चाहती थीं कि मैं संगीत की दुनिया में नाम कमाऊं और गायिका बनूं। वह सुबह मुझे कान के पास रेडियो बजाकर उठातीं। जब हम रायपुर में रहते थे तब मां ने एक तेलुगु चैनल पर एक रियलिटी शो का ऐड देखा। उन्होंने घरवालों की सहायता से मेरी आवाज कैसेट में रिकॉर्ड की और चैनल को भेज दिया।
चैनल को मेरी आवाज इतनी पसंद आई कि मुझे 8 वर्ष की उम्र में तेलुगु के एक रियलिटी शो में हिस्सा लेने का मौका मिला जिसकी मैं विनर भी रही।
मिडिल क्लास जीवन गुजारने का ही सोचा था
मैं एक मिडिल क्लास फैमिली की लड़की हूं। 8 वर्ष की उम्र में गाना जरूर गाने लगी, लेकिन घर वालों ने पढ़ाई पर भी पूरा ध्यान दिया।
पापा सरकारी जॉब में हैं तो मैंने भी नौकरी करने का प्लान किया था। म्यूजिक शौक रहा लेकिन कभी भी इसमें करियर बनाने का इरादा नहीं था। मैंने पढ़ाई के साथ-साथ तेलुगु में 2-3 म्यूजिक शो किए। इसके बाद कुछ वर्ष के लिए ब्रेक ले लिया।
एआर रहमान ने दिया पहला ब्रेक
मैंने ‘तमिल सुपर सिंगर’ नाम के रियलिटी शो में हिस्सा लिया। इस शो ने मेरी जीवन बदल दी। उस समय मुझे तमिल तक नहीं आती थी। लेकिन शो में उपस्थित सभी लोगों ने मेरी बहुत सहायता की। मैं तमिल गानों के लिरिक्स हिंदी में लिखती और फिर गाती थी। म्यूजिक को और अच्छे से सीखने के लिए मैं चेन्नई शिफ्ट हो गई।
इस शो के एक एपिसोड में एआर रहमान सर गेस्ट के तौर पर पहुंचे।
उन्हें मेरी आवाज पसंद आई और उसी दिन उन्होंने स्टूडियो में गाना रिकॉर्ड करने के लिए बुला लिया। 2018 की इस बात के बाद मुझे पहला ब्रेक मिला।
मुझे याद है जब मुझे एआर रहमान सर ने स्टूडियो बुलाया तो मैं इतनी नर्वस थी कि मेरी आवाज ही नहीं निकली। हालांकि वो डेमो था लेकिन जब मैं कंफर्टेबल हुई तो अपना बेस्ट दिया।
वह गाना तमिल में रिकॉर्ड हुआ जो बाद में ‘थलापति विजय’ की सुपरहिट फिल्म ‘बिगिल’ में शामिल किया गया।
गाने तो बहुत रिकॉर्ड किए लेकिन रिलीज किसी और की आवाज में हुए
एक समय था जब चुनिंदा सिंगर होते थे, लेकिन आज के जमाने में एक गाना रिकॉर्ड होकर रिलीज हो जाए तो बहुत बड़ी बात है। इस प्रोफेशन में कब क्या हो जाए कुछ पता नहीं चलता।
मेरे साथ ऐसा कई बार हुआ कि मैंने गाना रिकॉर्ड किया लेकिन वो किसी दूसरे सिंगर की आवाज में रिलीज हुआ।
ऐसे में जब एआर रहमान ने मुझसे रिकॉर्डिंग करवाई तो मैं गाकर आ गई लेकिन मुझे नहीं पता था कि वो रिलीज होगा या नहीं।
मैं तेलुगु, मलयालम, गुजराती, हिंदी और तमिल में कई गाने गा चुकी हूं।
कोरोना में मिला भारतीय आइडल सीजन 12
मैं तमिल और तेलुगु में गाने गा रही थी, लेकिन मुझे वो पहचान नहीं मिल रही थी। कोविड-19 आया तो मुझे भारतीय आइडल सीजन 12 का ऑफर मिला। मैंने कभी हिंदी गाने नहीं गाए थे, तो दिल ने बोला कि चलो हिंदी में भी गाकर देखती हूं। इससे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। भारतीय आइडल का यह सीजन जब कोविड-19 के मुकदमा बहुत बढ़े हुए थे, उन दिनों शूट हुआ जिसकी प्रैक्टिस मैंने 1 महीना जमकर की।
मैं इसमें बेस्ट 11 में आई लेकिन उसके बाद एलिमिनेट हो गई। उस समय थोड़ी निराश जरूर हुई, लेकिन मैंने कभी जीतने के बारे में सोचा ही नहीं था।
1 सप्ताह बाद मुझे अमित त्रिवेदी सर के ऑफिस से गाने की रिकॉर्डिंग के लिए टेलीफोन आया। मुझे खुशी थी कि मुझे हिंदी में गाने का मौका मिल रहा है।
फिल्म ‘कला’ में पहली बार सोलो गाया
मेरे सीनियर और मुंहबोले भाई सिद्धांत मिश्रा प्रोग्रामर हैं। उन्होंने ही मेरा एक गाना अमित त्रिवेदी सर को सुनाया था। उन्हें मेरी आवाज इतनी पसंद आई कि 2020 में उन्होंने फिल्म ‘कला’ के लिए मुझसे 6 गाने रिकॉर्ड करवा लिए।
यह मेरा मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री में और हिंदी म्यूजिक की फील्ड में डेब्यू था। ‘कला’ फिल्म के गानों ने मुझे हिंदुस्तान के घर-घर तक पहुंचाया। ऐसा पहली बार हुआ था कि मैंने किसी फिल्म के लिए इतने सारे गाने सोलो रिकॉर्ड किए।
एक नामी सिंगर के बर्ताव से दुखा दिल
मैंने लाइफ में बहुत स्ट्रगल किया। मैं साउथ इंडस्ट्री में गाने तो गा रही थी लेकिन लोगों के बीच पॉपुलर नहीं थी। एक बहुत प्रसिद्ध सिंगर हैं, उनका करियर मुझसे लेट प्रारम्भ हुआ लेकिन आज वो बहुत सफल सिंगर हैं। जबकि मैंने 8 वर्ष की उम्र से गाना प्रारम्भ कर दिया था।
ऐसे में उन्होंने बहुत एटीट्यूड के साथ बोला कि ‘देखा, आज मैं कहां हूं और तुम कहां हो।’ मुझे उनका बर्ताव अच्छा नहीं लगा, लेकिन मैंने मेहनत करनी नहीं छोड़ी। मुझसे जहां गलती होती है, मैं उसे सुधारने की प्रयास करती हूं।
मेरा मानना है कि हर चीज आपको सीख जरूर देती है और मैं स्वयं को स्टूडेंट मानती हूं। हमेशा आगे बढ़कर नयी चीजें सीखने की प्रयास करती हूं।
सिरीशा भागवतला को 2023 में ओटीटी प्ले चेंज मेकर्स अवॉर्ड मिला।
जब घर वालों की जुबान पर चढ़ा गाना, तब लगा फेमस हूं
मैं जो भी गाने गाती हूं, फैमिली को जरूर भेजती हूं। मैंने उन्हें ‘बिखरने का मुझको’ , ‘घोड़े पे सवार’ गाना भी भेजा।
जब मैं घर गई तो देखा कि ये गाने सभी गुनगुना रहे हैं, जबकि मैंने इतने गाने गाए, उनकी जुबान पर कभी नहीं चढ़े। उन्हें गुनगुनाता देख मुझे लगा कि गाना हिट है और अब मैं जरूर फेमस हो जाऊंगी।
यहीं नहीं जब माधुरी दीक्षित ने मेरे गाने की रील बनाई और सोशल मीडिया पर गाना वायरल हुआ तो मुझे बहुत अच्छा लगा।
2023 में रिलीज हुआ पहला एल्बम
मैं बहुत शर्मीली हूं। कैमरे के सामने आने से बचती रही हूं। मुझे हमेशा से प्लेबैक सिंगर ही बनना था। इसके लिए श्रेया घोषाल मेरी प्रेरणा बनीं, क्योंकि वह भी प्लेबैक सिंगिंग को अहमियत देती हैं।
करियर प्रारम्भ करने के कई वर्षों बाद मैंने जुलाई 2023 में अपनी फ्रेंड जो कंपोजर है, उनके साथ ‘तन्हा’ नाम से एल्बम निकाला और अपना ‘वर्गो ओरिजनल’ नाम से म्यूजिक लेबल प्रारम्भ किया।