कमल हासन ने लोकसभा में पेश किए गए महिला आरक्षण विधेयक की सराहना की,कहा…
अदाकार से नेता बने कमल हासन ने बुधवार को लोकसभा में पेश किए गए स्त्री आरक्षण विधेयक की सराहना की। मक्कल निधि मय्यम प्रमुख ने बोला कि यह कानून ‘सबसे बड़े अल्पसंख्यक वर्ग के विरुद्ध लंबे समय से चले आ रहे अन्याय’ को ठीक करता है।
अभिनेता से नेता बने कमल हासन ने बुधवार को लोकसभा में पेश किए गए स्त्री आरक्षण विधेयक की सराहना की। मक्कल निधि मय्यम प्रमुख ने बोला कि यह कानून ‘सबसे बड़े अल्पसंख्यक वर्ग के विरुद्ध लंबे समय से चले आ रहे अन्याय’ को ठीक करता है।
हासन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया हमारे गणतंत्र के इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन, जब हमारे लोकतंत्र की सीट अपने नए घर में चली गई। मुझे खुशी है कि इस नयी संसद में पेश किया गया पहला विधेयक हमारे राष्ट्र की सबसे बड़ी अल्पसंख्यक, हिंदुस्तान की स्त्रियों के विरुद्ध लंबे समय से हो रहे अन्याय को ठीक करता है। मैं कल पेश किए गए स्त्री आरक्षण विधेयक की तहे दिल से सराहना करता हूं। लैंगिक समानता सुनिश्चित करने वाले देश हमेशा समृद्ध रहेंगे।
हालांकि, हासन ने पार्टियों से विधेयक से संबंधित चिंताओं को दूर करने का आग्रह किया, जिसमें उल्लेख किया गया कि आरक्षण अगली जनगणना और परिसीमन अभ्यास के बाद लागू होगा।
उन्होंने पोस्ट किया, ”कार्यान्वयन की समय-सीमा में देरी से इस जरूरी फैसला को विषय के प्रति सिर्फ़ दिखावा मात्र बनाने का जोखिम है और इसे खत्म किया जाना चाहिए”, उन्होंने यह भी मांग की कि आरक्षण को राज्यसभा और विधान परिषदों तक बढ़ाया जाए। हासन ने कहा, “मैं उस दिन का प्रतीक्षा कर रहा हूं जब स्त्रियों को बिना किसी सकारात्मक कार्रवाई के विधायी निकायों में आनुपातिक अगुवाई मिलेगा।”
कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम सहित कई विपक्षी दलों ने विधेयक की निंदा की है क्योंकि इसमें उल्लेख किया गया है कि आरक्षण जनगणना और परिसीमन के बाद कारगर होगा।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को कहा, ”मोदी गवर्नमेंट आज जो बिल लेकर आई है, उसे ध्यान से देखने की आवश्यकता है। बिल के मौजूदा ड्राफ्ट में लिखा है कि इसे दशकीय जनगणना और परिसीमन के बाद ही लागू किया जाएगा। इसका मतलब है कि मोदी गवर्नमेंट ने शायद 2029 तक स्त्री आरक्षण के दरवाजे बंद कर दिए हैं। भाजपा को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।”
दिल्ली की मंत्री और आप नेता आतिशी ने कहा, ”प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी जनगणना और परिसीमन का प्रतीक्षा किए बिना 2024 के चुनावों में स्त्रियों को आरक्षण क्यों नहीं दे सकते। यदि उन्हें वास्तव में स्त्रियों की परवाह है, तो वह विधेयक को लागू क्यों नहीं करते लोकसभा की मौजूदा 543 सीटों पर?”
तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा, ”ऐसा लगता है कि वे (केंद्र) अभी इसे (महिला आरक्षण कानून का मसौदा) लागू नहीं करने जा रहे हैं। हम पिछले 10 वर्ष से ऐसे कानून की मांग कर रहे हैं। वे कह रहे हैं कि वे अभी सिर्फ़ जनगणना और परिसीमन की प्रक्रिया ही करेंगे। इस पर कोई स्पष्टता नहीं है कि वे इसे कब लागू करेंगे”।