Pushpa के विलेन स्टार बोले- आप मुझे गंभीरता से न लें…
नई दिल्लीः साउथ के सबसे लोकप्रिय अभिनेताओं में से एक फहद फासिल को पुष्पा में विलेन का रोल निभाने से पहले शायद ही हिंदी बेल्ट के लोग उन्हें जानते थे लेकिन अब वे किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। अब उनके एक्टिंग को हर कोई पहचान गया है और वे सुपर डीलक्स, पुष्पा: द राइज, विक्रम और मामनन जैसी फिल्मों में अपनी बहुत बढ़िया भूमिकाओं के लिए जाने जाते हैं। अपनी हालिया गैंगस्टर कॉमेडी आवेशम की भारी कामयाबी का आनंद लेते हुए, फहद ने अपना एक दृष्टिकोण साझा किया कि क्यों वो मलयालम सिनेमा में मुख्य भूमिकाओं पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय अन्य भाषाओं की फिल्मों में सहायक भूमिकाएं निभाना जारी रखते हैं। उसी दौरान उन्होंने आमिर खान और दिलीप कुमार का भी जिक्र किया।
दूसरी भाषाओं की फिल्मों को करने में क्यों दिलचस्पी रखते हैं फहद फासिल?
उन्होंने गलाटा प्लस के साथ वार्ता के दौरान कहा, ‘वहां जाने का मेरा इरादा बाशा (1995) या थेवर मगन (1992) करने का नहीं है। ये प्योर टेलैंट कॉलेबोरेशन है। मैं बस वहां जाना चाहता हूं, उनके साथ वार्ता करना चाहता हूं, प्रश्न पूछना चाहता हूं कि उन्होंने कुछ पसंदीदा फिल्मों में कुछ सीन्स को कैसे शूट किया।’ अदाकार आगे कहते हैं, ‘मुझे समयसीमा का कोई अंदाजा नहीं है, मैं न तो चीजें समय पर प्रारम्भ करता हूं और न ही समाप्त करता हूं। और, इनमें से कुछ भी प्री-प्लांड नहीं है। मैं बस वही चीजें कर रहा हूं जिनके बारे में मैं एक्साइटेड हूं।’
जब तक सिनेमाघर में तभी तक मेरे बारे में सोचें न कि डायनिंग टेबल पर
फहद फासिल ने कहा, ‘मैं हमेशा अपने दर्शकों से यही कहता हूं, उनसे मेरी प्रतिबद्धता केवल इतनी है कि मैं फिल्म को देखने लायक बनाने की प्रयास करूंगा। मैं नहीं चाहता कि वे मेरे बारे में वरना सोचें, या इस बात की चिंता करें कि मैं अपने जीवन के साथ क्या कर रहा हं। सिनेमाघर छोड़ने के बाद मुझे गंभीरता से मत लेना और जब आप सिनेमाघर में हों तभी मेरे बारे में सोचें। मैं नहीं चाहता कि लोग अभिनेताओं या प्रदर्शनों पर चर्चा को अपनी डाइनिंग टेबल तक भी ले जाएं। बस सिनेमाघर में या शायद घर वापस ड्राइव के दौरान चर्चा करें।’ फहद का बोलना है कि ‘सिनेमा उससे आगे नहीं है; इसकी एक सीमा है। आप अपने जीवन में सिनेमा देखने के अतिरिक्त और भी बहुत कुछ कर सकते हैं।’ अब उसे कुछ और लेकर आने दो,’ इस तरह का दृष्टिकोण अधिक खूबसूरत लगता है, है ना? उससे अधिक उसके (फहद) बारे में क्यों सोचें? आगे फहद फासिल ने स्वीकार किया कि उन्हें अपनी फिल्मों में धर्म को लेकर विरोध है, उनका बोलना है कि मलयालम दर्शक ‘कठोर वास्तविकता’ के लिए तैयार नहीं हैं।
फहद को पसंद हैं आमिर खान और दिलीप कुमार
अभिनेता कहते हैं, ‘आमिर खान 2000 के दशक में भी ऐसा करते थे। वे लगान और दिल चाहता है के बाद गायब हो गए और मंगल पांडे: द राइजिंग के साथ वापस आए और फिर गायब हो गए। मैंने सुना है कि दिलीप कुमार साहब ऐसा करते थे। मुझे वो पसंद है। मैं नहीं चाहता कि कोई मेरे बारे में बात करे या मेरा उत्सव मनाए। बस मेरी फिल्में देखें और वो भी तभी जब वो अच्छी हो और यदि अच्छी न हो तो न देखें।’ बात यदि अपकमिंग वर्कफ्रंट को लेकर करें तो फह अभी निर्देशक सुकुमार की पुष्पा 2: द रूल की रिलीज के लिए तैयारी कर रहे हैं, जिसमें वो मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रूप में पुष्पा: द राइज की अपनी किरदार को फिर से निभाएंगे। यह फिल्म 15 अगस्त 2024 को स्क्रीन पर आएगी।