इस फूल से गठिया ठीक करने में होगा वरदान साबित
बागपत। औषधीय गुणों से भरपूर हरसिंगार एक औषधीय पौधा है जिसे रात की रानी, पारिजात और नाइट जैसमीन के नाम से भी जाना जाता है। हरसिंगार के फूल बहुत ही सुंगधित और सफेद रंग के होते हैं। इसके पौधे में एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए काफी लाभ वाला है। आपके मन और आंखों को शाँति देने वाला यह सुंदर पौधा स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने में भी बहुत काम आता है। इसकी छाल और फूल कई रोगों को ठीक करने में प्रयोग में लाया जाता है। इस लिहाज से हरसिंगार जिसे नाइट जैसमीन के नाम से भी जानते हैं घर के बगीचे में जरूर लगाना चाहिए।
हरसिंगार (नाइट जैस्मिन) एक ऐसा औषधि है, जो आर्थराइटिस से लेकर डायबटीज़ तक को ठीक करने में काम आती है है। आर्थराइटिस को सामान्य भाषा में गठिया बोला जाता है क्योंकि ये आपके शरीर के जोड़ों की रोग है। इसमें जोड़ों में सूजन और दर्द की समस्या होती है, जिसके कारण प्रतिदिन के सामान्य काम करने में भी काफी परेशानियां होने लगती हैं। खान-पान बदलने के साथ होने वाली इस रोग के बढ़ने का खतरा अधिक मंडराता है। हरसिंगार एक ऐसी औषधि है जो गठिया को ठीक करने के लिए वरदान साबित हो रही है।
क्या है गठिया का कारण?
आयुर्वेदिक डॉक्टर डाक्टर राघवेंद्र चौधरी ने कहा कि राष्ट्र में प्रत्येक तीसरा आदमी गठिया की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गठिया की समस्या शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने की वजह से होती है। यूरिक एसिड ब्लड में पाया जाने वाला एक रसायन है। जब शरीर में प्यूरीन की मात्रा निश्चित मात्रा से अधिक बढ़ जाती है और किडनी उसे ठीक से फिल्टर नहीं कर पाती। ऐसे में शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने लगता है। बढ़ा हुआ यूरिक एसिड क्रिस्टल के रूप में जोड़ों और इर्द-गिर्द के टिश्यूज में जमा हो जाता है। इसके कारण जोड़ों की परेशानी प्रारम्भ होती है।
ऐसे करें इस्तेमाल
डॉ। राघवेंद्र चौधरी ने गठिया के दर्द से निजात पाने के लिए आप हरसिंगार के पत्ते, फूल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए एक गिलास पानी में 2-3 हरसिंगार पत्ते और 4-5 फूल को एक साथ उबालें। उसके बाद इसमें 2-3 तुलसी के पत्ते डाल दें। जब पानी आधा रह जाए तो उसे छान कर रख ले और सुबह शाम खाली पेट आधा-आधा कप इसका इस्तेमाल करें। जिससे आप और डायबिटीज को भी नियंत्रित कर पाएंगे।