स्वास्थ्य

फर्टिलिटी को बढ़ाने में सहायक होते है ये फूड्स

Infertility Problem: पुरुष और स्त्री दोनों में होने वाली इनफर्टिलिटी या बांझपन एक गंभीर परेशानी है यह परेशानी दंपती की मानसिक स्थिति और जीवन को प्रभावित करती है ये ऐसी स्थिति होती है, जिसमें दंपती अनेक कोशिशों के बाद भी संतान सुख प्राप्त करने में असमर्थ होते हैं इस कठिनाई का असल कारण हॉर्मोनल परिवर्तन और शरीर में पोषक तत्वों की कमी होना है इस स्थिति में लोग अनेक चीजों का सेवन करते हैं, लेकिन विटामिन और पोषक तत्वों से भरपूर बैलेंस डाइट प्रजनन की परेशानी दूर कर प्रोडक्शन बढ़ाने में मददरगार हो सकते हैं ये पोषक तत्वों से भरपूर डाइट अंडों की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ स्पर्म की क्षति को बचाते हैं ऐसे में आपको अपनी डाइट में कुछ ऐसी चीजें शामिल करनी चाहिए, जो प्रजनन को बढ़ाने में सहायक होती हैं आइए सरकार मेडिकल कॉलेज कन्नौज की गायनेकोलॉजिस्ट डाक्टर अमृता साहा से जानते हैं प्रजनन बढ़ाने वाले फूड्स के बारे में-

 

इनफर्टिलिटी की परेशानी दूर कर सकते हैं ये फूड्स

पत्तेदार सब्जियां: डाक्टर अमृता साहा बताती हैं कि, इनफर्टिलिटी की परेशानी से बचने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन किया जा सकता है दरअसल, पत्तेदार सब्जियां फोलिक एसिड और विटामिन सी की अच्छी साधन होती हैं ऐसे में ये दोनों पोषक तत्व ओव्यूलेशन प्रक्रिया में सहायता करते हैं यह गर्भावस्था के दौरान गर्भपात और क्रोमोसोमल विकारों के जोखिम को भी कम करने की क्षमता रखते हैं इसके लिए पालक, ब्रोकोली और मेथी जैसी सब्जियों का सेवन किया जा सकता है

सूखे मेवे: गायनेकोलॉजिस्ट के मुताबिक, सूखे मेवे प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होते हैं अखरोट में सेलेनियम होता है, जो अंडों में क्रोमोसोमल डैमेज को कम करने में कारगर हो सकता है इससे प्रजनन बढ़ाने में सहायता मिलती है यह एंटीऑक्सीडेंट मुक्त कणों को प्रवेश करने से रोकता है और मानव शरीर में अंडे के उत्पादन में सुधार कर सकता है

क्विनोआ: एक्सपर्ट बताती हैं कि, इनफर्टिलिटी की परेशानी से निजात पाने के लिए क्विनोआ का भी सेवन किया जा सकता है दरअसल, एनिमल बेस्ड प्रोटीन की स्थान पर क्विनोआ जैसे प्लांट बेस्ड प्रोटीन का इस्तेमाल करने से गर्भधारण की आसार में सुधार होता है यह ब्लड शुगर के लेवर को स्थिर करने के साथ-साथ मासिक धर्म चक्र को नियमित करने में भी सहायता करता है क्विनोआ में फाइबर की मात्रा भी अधिक होती है

केला: चिकित्सक की मानें तो, केले में विटामिन बी6 भरपूर मात्रा में होता है, जो ओव्यूलेशन प्रोसेस में शामिल हार्मोन को नियंत्रित करके युग्मनज निर्माण में सहायता करता है इसमें पोटैशियम और विटामिन सी की भी उच्च मात्रा होती है पोटेशियम और विटामिन बी6 की कमी की वजह से अंडे और शुक्राणु की गुणवत्ता खराब हो सकती है, इसलिए गर्भधारण की प्रयास कर रहे माता-पिता को नियमित तौर पर केले खाने की राय दी जाती है

कद्दू के बीज: डॉ अमृता साहा के मुताबिक, कद्दू के बीज मेच्योर सेल्स के प्रोडक्शन में सहायता कर सकते हैं वे जिंक का भी समृद्ध साधन हैं और टेस्टोस्टेरोन और वीर्य के स्तर को बढ़ाने में सहायता कर सकते हैं इसके अलावा, कद्दू के बीज सभी प्रजनन अंगों में पर्याप्त रक्त प्रवाह को उत्तेजित कर सकते हैं जो एक मजबूत प्रजनन प्रणाली का समर्थन और नियंत्रण करते हैं

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