बुखार उतारने के लिए अपनाएं ये आयुर्वेद नुस्खे
Best Ayurvedic Remedy For Fever: आयुर्वेद में बुखार को ज्वर बोला जाता है। यह शरीर में वात और कफ के बिगड़ने से होता है। गर्मी का मौसम प्रारम्भ होते ही लोगों में सबसे अधिक बुखार की परेशानी देखने को मिलती है। इस समय सबसे अधिक लोग डेंगू और मलेरिया के चपेट में आते हैं। हालांकि आयुर्वेद में बुखार उतारने के लिए कुछ नुस्खे बताएंगे गए हैं। जिसके इस्तेमाल से फीवर में राहत मिल सकता है।
बुखार के लिए आयुर्वेदिक नुस्खे क्या है?
दरअसल आयुर्वेद में कहा गया है कि सभी के शीर में तीन गुनाह होते हैं जिसे कफ, वात और पित्त बोला जाता है। यदि इन दिनों में कोई भी असंतुलित होता है तो बीमार होना निश्चित है। चलिए जानते हैं बुखार के लिए आयुर्वेदिक नुस्खे…
पिप्पली से करें बुखार का इलाज
आयुर्वेद में पिप्पली या पीपर लोंगम का इस्तेमाल जड़ी-बूटी के रूप में किया जाता है। क्योंकि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीवायरल जैसे गुण पाए जाते हैं। जो बुखार के उपचार के लिए बेस्ट बेस्ट औषधि माना गया है।
शहद और अदरक की चाय बुखार के लिए बेस्ट
आयुर्वेद में बुखार के लिए शहद और अदरक की चाय को बेस्ट माना गया है। जहां अदरक में एंट्रीऑक्सीडेंट और एनाल्जेसिक जैसे गुण पाए जाते हैं तो हमे फीवर से लड़ने में सहायता करते हैं तो वहीं दूसरी ओर शहद में जीवाणुरोधी गुण पाए जाते हैं तो जो खांसी और वायरस से राहत दिलाने में सहायता करते हैं। यदि आप शहद और अदरक की चाय का सेवन करते हैं तो आपको बुखार में काफी रिलैक्स मिलेगा।
तुलसी के पत्तों से करें बुखार दूर
दरअसल आयुर्वेद में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल जड़ी-बूटी के रूप में किया जाता है। यदि किसी को बुखार हुआ है तो उसे तुलसी के पत्तों का सेवन करना चाहिए। आप चाहे तो तुलसी के पत्तों को गर्म पानी में उबाल लें या फिर इसे चबाएं। ऐसा करने से आपको बुखार ही नहीं खांसी आदि में भी काफी राहत मिलेगा।
दालचीनी से करें बुखार को दूर
बुखार है तो दालचीनी का इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल यह एक एंटीबायोटिक है जो बुखार, सर्दी और खांसी से राहत दिलाने में सहायता करता है। आप चाहे तो पानी में दालचीनी को उबालकर उस पानी को छानकर पी सकते हैं। इसेस आपको बुखार में काफी हद तक आराम मिलेगा।