भारत में यंग महिलाओं में बढ़ रहा है स्तन कैंसर का खतरा
भारत में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में लगातार तेजी से वृद्धि हो रही है और विशेष रूप से चिंताजनक बात यह है कि अब यह बीमारी युवा स्त्रियों में भी तेजी से फैल रहा है। जहां पहले यह बीमारी 50 साल से अधिक उम्र की स्त्रियों में अधिक पाया जाता था, वहीं अब 30-40 साल की उम्र वर्ग में भी इसके मुद्दे बढ़ रहे हैं।
खास बात ये है कि हाल के सालों में युवा स्त्रियों में इस रोग का मुद्दा तेजी से बढ़ा है। जानकारों का मानना है कि कई फैक्टर मिलकर इस स्थिति के लिए उत्तरदायी हैं, जिनमें से कुछ सामाजिक और आर्थिक बदलाव, जीवनशैली में बदलाव और जागरूकता का अभाव शामिल हैं।
लाइफस्टाइल में बदलाव
अनियमित खान-पान, मोटापा, शारीरिक व्यायाम की कमी, तनाव और धूम्रपान जैसे फैक्टर ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं। आज की युवा पीढ़ी में फास्ट फूड और अस्वस्थ खानपान का चलन बढ़ा है, जो पोषक तत्वों की कमी का कारण बनता है। इसके अलावा, शारीरिक गतिविधि में कमी और स्क्रीन टाइम में बढ़ोतरी से मोटापा बढ़ रहा है, जो ब्रेस्ट कैंसर का एक जरूरी रिस्क फैक्टर है।
सामाजिक और आर्थिक बदलाव
पारंपरिक जीवनशैली में बदलाव, देर से शादी, अधिक उम्र में मां बनना और प्रजनन रेट में गिरावट भी ब्रेस्ट कैंसर में वृद्धि का एक संभावित कारण हो सकते हैं। देर से विवाह और मां बनने से स्त्रियों के शरीर में हार्मोनल बदलाव लंबे समय तक होते रहते हैं, जो कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
जागरूकता का अभाव
ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचानने और नियमित जांच करवाने के प्रति जागरूकता का अभाव भी एक बड़ी चुनौती है। कई युवा महिलाएं स्तन में गांठ या अन्य लक्षणों को नजरअंदाज कर देती हैं या उन्हें डर के कारण चिकित्सक से बताने में हिचकती हैं। इससे रोग का पता चलने में देरी होती है और उपचार जटिल हो जाता है।
क्या किया जा सकता है?
ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम करने के लिए और युवा स्त्रियों को स्वस्थ रखने के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं, जैसे-
– स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, तनाव प्रबंधन और धूम्रपान से परहेज जैसे तरीकों को अपनाना जरूरी है।
– ब्रेस्ट कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और स्त्रियों को नियमित जांच के महत्व के बारे में बताना महत्वपूर्ण है।
– गवर्नमेंट द्वारा स्क्रीनिंग प्रोग्राम, जागरूकता अभियान और कैंसर इलाज की पहुंच बढ़ाने जैसे प्रयासों की जरूरत है।
– किसी भी स्तन में गांठ, दर्द या अन्य असामान्य लक्षण दिखाई देने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
ब्रेस्ट कैंसर एक गंभीर रोग है, लेकिन समय पर पता लगाने और मुनासिब उपचार से इसे हराया जा सकता है। युवा स्त्रियों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना चाहिए, स्वस्थ लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए और नियमित डॉक्टरी जांच करवाना चाहिए। तभी हम इस चुनौती का सामना कर सकते हैं और युवा स्त्रियों को एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन का उपहार दे सकते हैं।