स्वास्थ्य

महिलाओं में इस कारण ज्यादा होता है लिवर से जुड़ी बीमारियों का खतरा

आजकल की अस्वास्थ्यकर जीवनशैली के कारण युवाओं में लिवर से संबंधित बीमारियाँ तेजी से चिंता का विषय बनती जा रही हैं. लीवर को अक्सर शरीर का पावरहाउस बोला जाता है. यह पोषक तत्वों को संसाधित करने, शरीर को डिटॉक्सीफाई करने और हार्मोन को विनियमित करने में जरूरी किरदार निभाता है. हालाँकि, अपनी अनोखी शारीरिक संरचना के कारण स्त्रियों को लिवर से संबंधित रोंगों का खतरा अधिक होता है, यही कारण है कि उन्हें अधिक सावधान रहने की राय दी जाती है. आइए लिवर से जुड़ी कुछ रोंगों के बारे में चर्चा करें जिनसे स्त्रियों को अधिक खतरा होता है.

जून 2022 में एम्स द्वारा प्रकाशित एक शोध के अनुसार, मोटापा, गतिहीन जीवन शैली और इंसुलिन प्रतिरोध स्त्रियों और मर्दों दोनों में गैर-अल्कोहल फैटी लीवर बीमारी (एनएएफएलडी) के लिए जरूरी जोखिम कारक हैं. हालाँकि, स्त्रियों में इस स्थिति के गंभीर होने का जोखिम अधिक होता है.

महिलाओं में लिवर संबंधी रोंगों के बढ़ते खतरे में कई कारक सहयोग करते हैं. समय के साथ, स्त्रियों के शरीर में विभिन्न हार्मोनल बदलाव होते हैं. इसके अतिरिक्त, कुछ आनुवंशिक कारक भी लीवर से संबंधित रोंगों के खतरे को बढ़ा सकते हैं. अध्ययनों से संकेत मिलता है कि ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस और हेपेटाइटिस वायरस स्त्रियों के लिए अधिक खतरा पैदा करते हैं. इसी तरह, अपने छोटे शरीर के आकार और शरीर में वसा के उच्च अनुपात के कारण, महिलाएं लीवर पर शराब के प्रतिकूल असर के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं.

लीवर से संबंधित कुछ रोंगों का खतरा मर्दों की तुलना में स्त्रियों में अधिक होता है. उदाहरण के लिए, शराबी जिगर की रोग स्त्रियों में अधिक तेजी से बढ़ती है. इसी तरह, स्त्रियों में हार्मोनल असंतुलन और गर्भनिरोधक दवाओं के कारण दवा-प्रेरित जिगर की चोट का खतरा अधिक होता है. गर्भवती स्त्रियों को गर्भावस्था से संबंधित यकृत विकारों और विल्सन बीमारी के खतरे का भी सामना करना पड़ता है.

इन जोखिमों को कम करने के लिए स्त्रियों को अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है. इसमें नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और शराब से परहेज शामिल है. ये कदम लीवर की रोंगों के खतरे को कम करने में सहायता कर सकते हैं. हेपेटाइटिस से बचाव के लिए टीकाकरण कराया जा सकता है. इसी तरह गर्भावस्था के दौरान भी अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए.

लीवर की गंभीर क्षति को रोकने के लिए समय पर लीवर की जांच और मुनासिब इलाज जरूरी है. इसलिए, लीवर को गंभीर हानि से बचाने के लिए सर्वोत्तम इलाज विकल्प चुनना जरूरी है.

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