स्वास्थ्य

सुलझी 2 नवजात बच्चों की मौत की गुत्थी, 14 साल बाद सामने आया सच

ये मुद्दा वर्ष 2010 का है जब हरियाणा के एक दंपती का पहला बच्चा नॉर्मल डिलिवरी के जरिए पैदा हुआ करीब 10 दिनों बाद इस नवजात को बुखार और सांस लेने में तकलीफ होने लगी उन्हेम नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (Neonatal ICU) में शिफ्ट किया गया और वेंटिलेशन सपोर्ट दिया गया हालांकि इस बच्चे का मृत्यु करीब 6 सप्ताह बाद निमोनिया (Pneumonia) और सेप्सिस (Sepsis) के कारण हो गया

दूसरे बच्चे का भी निधन

साल 2021 में तक इस कपल ने 4 मिसकैरेज का भयावह अनुभव किया, फिर सिजेरियन सेक्शन से बेबी का जन्म हुआ इस नवजात को वेसे ही सांस लेने में दिक्कतें आईं जैसा कि पहले बच्चे के समय हुई थी दूसरा बच्चा साढ़े 3 महीने बाद जीवन की जंग हार गया ये दंपति के लिए दुखदायी पल था यहां तक कि चिकित्सक भी दंग थे कि दोबारा ऐसा क्यों हुआ

अम्बिलिकल कॉर्ड ने खोला राज़

इस राज से पर्दा वर्ष 2024 में उठा क्योंकि दोनों मृत बच्चों का अम्बिलिकल कॉर्ड प्रिजर्व किया गया था यहां तक कि मल्टिपल मिसकैरेज की भी गुत्थी सुलझ गई अम्बिलिकल कॉर्ड एक फ्लेक्सिबल, ट्यूबलर फॉर्मेशन होता है जो मां के फीटस और प्लेसेंटा को जोड़ता है जब इसका जेनेटिक एनालिसिस किया गया तो पाया कि सीटीएफआर जीन में म्यूटेशन हुआ था जिससे सिस्टिक फाइबरोसिस (Cystic Fibrosis) इसी तरह का म्यूटेशन एसिंप्टोमेटिक पैरेंट्स में पाया गया, जो इस रोग के करियर थे

क्या है एक्सपर्ट की राय

मेडिकल जेनेटिक्स और आईवीएफ एक्सपर्ट डाक्टर रंजना मिश्रा ने टीओआई से कहा, ‘म्यूटेशन के साथ होने पर अक्सर लक्षण नजर नहीं आते, लेकिन दोनों बच्चों को माता-पिता दोनों से एक म्यूटेटेड सिस्टिक फाइब्रोसिस ट्रांसमेम्ब्रेन कंडक्टर रेगुलेटर (CFTR) जीन प्राप्त हुआ था, जिससे रोग और कॉम्पलिकेशंस हुए

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