स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने की पाश्चुरीकृत दूध के सेवन की सख्त सिफारिश
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि यह एच5एन1 स्ट्रेन, जिसे बर्ड फ्लू के रूप में भी जाना जाता है,बीमार जानवरो के कच्चे दूध में प्रवेश कर गया है. स्वास्थ्य जानकारों ने पाश्चुरीकृत दूध के सेवन की कठोर सिफारिश की है. अग्रिम तैयारी के तौर पर , केरल के पशुपालन विभाग ने वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए जरूरी तरीका किए हैं, जिनमें प्रयोगशाला नेटवर्क को अपग्रेड करना, निदान सुविधाओं की स्थापना, पाश्चुरीकरण, जो नुकसानदायक बैक्टीरिया को कारगर ढंग से खत्म करता है, व्यापक रूप से मौजूद है और दूध के सेवन के लिए इसकी कठोर सिफारिश की जाती है. बर्ड फ्लू पक्षियों, मनुष्यों, और अन्य जानवरों के लिए एक गंभीर खतरा है, यह संक्रमित वाहकों के संपर्क में सरलता से फैलता है.
संयुक्त राज्य अमेरिका में वर्तमान में कई राज्यों में डेयरी समूह में संक्रमण की जांच चल रही है. टेक्सास में एक आदमी के संक्रमित मवेशियों के संपर्क में आने के बाद बर्ड फ्लू से उबरने के एक हालिया मुद्दे की सूचना मिली है. H5N1 एक तरह का फ्लू का वायरस है, मगर ये इंसानों का फ्लू नहीं बल्कि पक्षियों का फ्लू है इसलिए इसे बर्ड फ्लू भी कहते हैं ये वायरस मुख्यत: पक्षियों में ही रहता है और उनको बीमार करता है कभी-कभी दूसरे स्तनधारी जानवरों को भी हो सकता है,अगर किसी पक्षी को ये फ्लू हो जाता है तो उसके पास रहने, उसे छूने या उसकी बीट को छूने से ये आदमी भी संक्रमित हो सकते हैं ये फ्लू यदि इंसानों को लग जाए तो काफी गंभीर हो सकता है इससे तेज बुखार, खांसी, गले में खराश, निमोनिया (फेफड़ों का इन्फेक्शन) या कई बार बहुत बुरी हालत हो सकती है