स्वास्थ्य

हीट स्ट्रोक के जाने लक्षण और बचाव के बारे में…

Heat Stroke: गर्मी के मौसम में बड़ी संख्या में हीट स्ट्रोक से लोगों की मौतें हो जातीं हैं हीट स्ट्रोक के बारे में लोगों को अधिक जानकारी नहीं होती, इसलिए वह इसके लक्षणों के बारे में नहीं जानते और अपनी जान गंवा बैठते हैं

Heat Stroke की केंद्र गवर्नमेंट ने जारी की चेतावनी

गर्मी का मौसम आ गया है जल्द ही प्रचंड गर्मी पड़ेगी लोगों को तरह-तरह की मौसमी बीमारियां तो होंगी ही, गर्मी से संबंधित बीमारियां भी बढ़ने लगेंगी केंद्र गवर्नमेंट ने हीट स्ट्रोक की चेतावनी पहले ही जारी कर दी है ऐसे में यह जानना महत्वपूर्ण है कि हीट स्ट्रोक क्या है? हीट स्ट्रोक से स्वयं को कैसे बचा सकते हैं? यदि हीट स्ट्रोक हो गया है, तो उसका उपचार कैसे संभव है? बच्चों और बुजुर्गों पर इसका क्या असर पड़ता है?

प्रभात समाचार (prabhatkhabar.com) ने इस संबंध में झारखंड के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) के मेडिसीन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विद्यापति से खास वार्ता की और यह जानने की प्रयास की कि हीट स्ट्रोक क्या है और इससे कैसे बच सकते हैं इसके लक्षण क्या हैं और इसका निदान क्या है

अचानक नहीं आता हीट स्ट्रोक, पहले देता है कई संकेत

डॉ विद्यापति ने कहा कि हीट स्ट्रोक अचानक नहीं आता इसके पहले वह कई संकेत देता है यदि आप उस संकेत को भांप लेते हैं, तो हीट स्ट्रोक की नौबत ही नहीं आएगी आराम से उसका उपचार हो जाएगा यदि आप उन लक्षणों को दरकिनार करेंगे, तो हीट स्ट्रोक के शिकार हो सकते हैं हीट स्ट्रोक आपकी जान भी ले सकता है

गर्मी से होने वाली समस्याओं से हो जाएं सचेत

डॉ विद्यापति ने कहा कि हीट स्ट्रोक से पहले गर्मी से होने वाली समस्याओं से आप सचेत हो जाएं उन्होंने बोला कि मांसपेशी में दर्द होने लगे, थकान महसूस लगने लगे, तो समझ लीजिए कि धूप और गर्मी का असर आपके शरीर पर पड़ने लगा है इन लक्षणों के साथ यदि उल्टी और तेज बुखार आ जाए, तो आप चेत जाएं समझ लें कि आप आप हल्के हीट स्ट्रोक की चपेट में आ गये हैं

बड़ी परेशानी है हीट स्ट्रोक, हो सकती है मौत

डॉ विद्यापति कहते हैं कि हीट स्ट्रोक बड़ी परेशानी है हीट स्ट्रोक मृत्यु का भी कारण बन जाता है इसका उपचार घर पर संभव नहीं है हॉस्पिटल में भी उसी आदमी की जान बच पाती है, जिनको समय पर चिकित्सा मिल जाती है उन्होंने बोला कि जब शरीर के अंदर का तापमान 40 डिग्री से ऊपर हो जाता है, तब हीट स्ट्रोक आता है आमतौर पर गर्मी से जुड़ी किसी भी रोग को लोग हीट स्ट्रोक मान लेते हैं

हीट स्ट्रोक क्या है?

हीट स्ट्रोक गर्मी के मौसम में होने वाली एक कठिनाई है, जिसका समय पर इलाज न हुआ, तो आदमी की मृत्यु तक हो जाती है

हीट स्ट्रोक से कैसे बचें?

हीट स्ट्रोक गर्मी की वजह से होता है बहुत अधिक पसीना निकलता है शरीर का पानी और नमक दोनों कम हो जाता है इसलिए लगातार पानी पीना चाहिए नमक-पानी का घोल लेते रहना चाहिए शरीर में पानी और नमक की कमी नहीं होने देना चाहिए ओआरएस का घोल बार-बार पीते रहें महत्वपूर्ण न हो, तो धूप में घर से बाहर न निकलें

हीट स्ट्रोक का उपचार कहां संभव है?

हीट स्ट्रोक होने पर घर पर इसका उपचार संभव नहीं है किसी न किसी हॉस्पिटल में ही इसका उपचार हो सकता है वह भी तब, जब रोगी को समय पर चिकित्सा सुविधा मिल जाए इसलिए हीट स्ट्रोक के लक्षणों की पहचान हो जाए, तो तुरन्त रोगी को नजदीकी हॉस्पिटल ले जाएं

बच्चों और बुजुर्गों पर हीट स्ट्रोक का क्या असर पड़ता है?

बच्चों और बुजुर्गों की इम्यूनिटी कम होती है इसलिए इन लोगों पर गर्मी के मौसम में हीट स्ट्रोक का खतरा बहुत अधिक होता है इसलिए बहुत सावधान रहने की आवश्यकता है

हीट एग्जॉसन से नहीं चेते, तो क्या होगा?

हीट स्ट्रोक से पहले हीट एग्जॉसन होता है यदि हीट एग्जॉसन में आपने ढिलाई बरती और नहीं चेते गर्मी में निकलते रहे, तो आपको हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है

किन लोगों को होता है हीट स्ट्रोक?

हीट स्ट्रोक दो तरह से डेवलप करता है धूप में लगातार व्यायाम कर रहे हैं या खेल रहे हैं, तो स्वस्थ आदमी को भी हीट स्ट्रोक हो सकता है वहीं दूसरी तरफ, आप बीमार हैं और लंबे समय तक धूप में रहते हैं, तो व्यायाम न करने के बावजूद हीट स्ट्रोक हो सकता है

हीट स्ट्रोक में क्या होता है?

किसी आदमी के शरीर का अंदरूनी तापमान 40 डिग्री सेंटीग्रेड या उससे अधिक हो जाता है, तो हीट स्ट्रोक की आसार होती है थर्मामीटर से भी इसका पता नहीं चलता इंटर्नल तापमान के लिए रेक्टर टेंपरेचर लेना पड़ता है गर्मी के साथ-साथ ब्रेन पर भी उसका असर पड़ने लगे, तो समझते हैं कि हीट स्ट्रोक हुआ है यानी गर्मी के साथ-साथ सिर में चक्कर आने लगे, झटके की कम्पलेन हो जाए, रोगी बेहोश हो जाए, तो समझेंगे कि उसको हीट स्ट्रोक हो गया है

हीट एग्जॉसन से नहीं चेते, तो क्या होगा?

हीट स्ट्रोक से पहले हीट एग्जॉसन होता है यदि हीट एग्जॉसन में आपने ढिलाई बरती और नहीं चेते गर्मी में निकलते रहे, तो आपको हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है

क्या है हीट सिनकोप?

गर्मी के चलते आदमी अचानक गिर जाता है कुछ देर के लिए बेहोश हो जाता है इसको हीट सिनकोप कहते हैं हालांकि, वह कुछ देर बाद होश में आ जाता है

क्या हीट क्रैम्प, हीट सिनकोप और हीट एग्जॉसन?

हीट स्ट्रोक से पहले हीट क्रैम्प, हीट सिनोकोप और हीट एग्जॉसन होता है हीट क्रैम्प, सिनकोप और हीट एग्जॉसन से नहीं चेते, तो हीट स्ट्रोक हो जाता है और इसकी वजह से रोगी की जान भी जा सकती है

हीट स्ट्रोक के क्या हैं लक्षण?

  • मांसपेशियों में तेज दर्द होता है
  • मुंह सूखने लगता है
  • शरीर से बहुत अधिक पसीना निकलने लगता है
  • उल्टी महसूस होने लगती है
  • सिर में तेज दर्द प्रारम्भ हो जाता है
  • कमजोरी महसूस होने लगेगी
  • कोई काम करने का मन नहीं करेगा
  • बीच-बीच में सोचने की शक्ति भी क्षीण होने लगती है
  • ब्लड प्रेशर कम होने लगता है
  • पल्स दर बढ़ जाता है
  • ऐसा लगता है कि कोई सपना आ रहा है

हीट स्ट्रोक से बचने के लिए क्या सावधानियां बरतें?

  • शरीर को गर्मी को निकालने के लिए अपना मेकेनिज्म काम करता है कुछ लोगों को शरीर से काफी मात्रा में पसीना निकलता है इससे पानी और नमक दोनों शरीर से निकल जाते हैं यदि आपको धूप में जाना ही है, तो कुछ सावधानियां बरतें
  • घर से निकलने के पहले पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन करें पानी इलेक्ट्रॉल पावडर लेते रहें
  • नमक चीनी पानी का घोल लेते रहें, धूप से आने के बाद भी यह घोल लें, डीहाइड्रेशन नहीं होने देगा
  • छाता का इस्तेमाल करें
  • कपड़ा ढीला-ढाला पहनें, सूती वस्त्र पहनें
  • डायरेक्ट सूर्य के संपर्क में आने से बचें
  • सिंथेटिक कपड़ा आपके शरीर के गर्मी को बाहर नहीं निकलने देता है सूती कपड़ा गर्मी को बाहर निकाल देता है

हीट स्ट्रोक हो गया, तो क्या करें?

  • सबसे पहले रोगी को ठंडी स्थान पर ले जाएं
  • उसके सारे कपड़े उतार दें
  • उसे ठंडे पानी से नहा दें
  • ठंडी स्थान पर लिटा दें
  • उसे बायीं या दायीं करवट लिटा दें और पंखा या कूलर चला दें, ताकि उसके पूरे शरीर को ठंडी हवा मिल सके
  • बार-बार उसके शरीर की स्पंजिंग करते रहें यानी स्पंज के पानी से शरीर को साफ करते रहें
  • कई बार बर्फ के पानी में रोगी को लिटाना पड़ता है, तब उसके शरीर का तापमान कम होता है
  • हीट स्ट्रोक में यदि शरीर का तापमान कम नहीं हुआ, तो उसके गंभीर रिज़ल्ट होते हैं

हीट स्ट्रोक का क्या होता है असर?

  • हीट स्ट्रोक में शरीर के कई अंग प्रभावित होने लगते हैं
  • दिल, किडनी, लिवर प्रभावित होने लगता है
  • सांस लेने में परेशानी होने लगती है
  • हीट स्ट्रोक की वजह से मल्टीऑर्गन फेल्योर हो सकता है

अस्पताल में 3 चीजों पर दें ध्यान

  • मरीज ठीक से सांस ले सके
  • सर्कुलेशन को ठीक करना होता है
  • अस्पताल में मॉनिटर पर लगाकर आइवी फ्लुइड देना चाहिए

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button