दूषित हवा-धूल, बदलते मौसम से बढ़ रही एलर्जी, जानें लक्षण और कारण
प्रदूषित हवा, धूल, बदला मौसम, दवा समेत कई कारणों से बच्चे एवं बड़े बड़ी संख्या में एलर्जी की चपेट में आ रहे हैं। एलर्जी त्वचा, नाक, फेफड़ा सहित शरीर के दूसरे अंगों में हो सकती है। किसी वस्तु से भी एलर्जी हो सकती है। एलर्जी के ठीक कारण की पहचान होने पर उपचार संभव है। यह बातें पीजीआई के क्लीनिकल इम्यूनोलॉजी विभाग के डाक्टर विकास अग्रवाल ने रविवार को संस्थान में आयोजित इम्यूनो एलर्जी कॉन्क्लेव में कहीं। डाक्टर विकास ने कहा कि एलर्जी से परेशान लोगों को महज एक इंजेक्शन से एक से डेढ़ माह राहत मिल जाती है।
एलर्जी इम्यूनोथेरेपी कारगर
ऑस्ट्रेलिया के डाक्टर प्रवीण हिसारिया ने कहा जिस चीज से एलर्जी होती है। उस वस्तु की थोड़ी मात्रा पीड़ित आदमी को कुछ समय अंतराल पर नाक, मुंह और इंजेक्शन से दी जाती है। इसमें उस आदमी में वस्तु के प्रति सहनशीलता पैदा करने की क्षमता पैदा हो जाती है। इससे आराम मिल जाता है। डा। कुनाल ने कहा कि दवा से होने वाली एलर्जी कई बार खतरनाक होती है तो उपचार में इम्यूनोसप्रेसिव की आवश्यकता पड़ती है।
लक्षण
त्वचा पर चकत्ते पड़ना
खांसी, खुजलाहट
सांस लेने में तकलीफ
बार-बार छींक आना
दमे का अटैक
पेट में दर्द और उल्टी
कारण
धूल और पराग
पशुओं के संपर्क से
मछली, डेयरी उत्पाद, नट
एस्पिरिन और पेनिसिलिन
बरैया और मधुमक्खियों
घास और चुभने वाले बिच्छू