सर्दियों में इन चीजो की परहेज कर बचे पेट खराबी से…
सर्द मौसम में रोज पारा गिरता ही जा रहा है। इसकी वजह से आम जन को स्वास्थ्य को लेकर कई तरह की दिक्कतें सामने आ रही हैं। इनमें से एक है पेट में दर्द और डायरिया। चिकित्सक मानते हैं कि साफ सफाई में कमी और तापमान में तेजी से गिरावट की वजह से पेट में दर्द और दस्त की कम्पलेन हो जाती है। इतना ही नहीं, कई बार रोगी को पेट दर्द और डायरिया के साथ साथ सिर दर्द की कम्पलेन भी रहती है। सर्दियों में ठंड लगने की वजह से यह होता है।
हममें से कई लोग अक्सर सर्दियों में पेट खराब होने की कम्पलेन करते हैं, जिसके बाद सर्दी और अन्य गैस्ट्रोएंटरोलॉजी से जुड़ी समस्याएं होती हैं। हालांकि हेल्थ कंडीशन को देखते हुए हम अपने खानपान में परिवर्तन कर लेते हैं और कुछ चीजें खाने से परहेज करते हैं। खानपान में इस परिवर्तन से संभव है कि हम पेट की खराबी से बच जाएं।
सर्दियों में पेट खराब होने के क्या कारण हैं?
सर्दियों में पेट खराब होने के कई कारण होते हैं, जो उम्र, जेंडर या किसी अन्य मौजूदा मेडिकल कंडिशन पर निर्भर करते हैं। वैसे सर्दियों में डाइजेशन सिस्टम अधिक सक्रिय हो जाता है, ठंडा और मसालेदार खाना पेट में गड़बड़ी पैदा करते हैं। ठंडा खाना खाने से ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है जिससे डाइजेशन पर असर पड़ता है।
ऐसी स्थिति में चिकित्सक अक्सर डाइट मैनेजमेंट और अन्य घरेलू इलाज सुझाते हैं जो पेट में दर्द और ऐंठन से राहत देता है। कुछ तरीका बताते हैं जिन्हें सर्दियों में पेट की खराबी से बचने के लिए अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं।
खानपान की गड़बड़ आदतों की वजह से पेट में दर्द और डायरिया जैसी परेशानी होती है। यह आमतौर पर अपच की वजह बनता है। रोगी में मतली, सूजन और ऐंठन और सीने में जलन की कम्पलेन होती है। यह आम तौर पर अधिक खाना खाने की वजह से होता है। कई बार अधिक शराब, तंबाकू उत्पाद और जंक फूड अधिक लेने से भी अपच की कम्पलेन रहती है।
डाइट में कम फाइबर वाला खाना होने से भी पेट में सूजन, गैस और ऐंठन की कम्पलेन हो सकती है। ऐसा ज़्यादातर इसलिए होता है क्योंकि शरीर के लिए इसे पचाना कठिन हो जाता है।
ज्यादा मीठा फूड आंतों के लिए पचाना कठिन होता है जिससे गैस हो सकती है। हाई फैट फूड डाइजेशन को धीमा कर सकता है और गैस का कारण बन सकता है। इससे हार्ट के रोगियों के लिए खतरा बढ़ सकता है और इसलिए इससे बचना चाहिए।
मेडिकल कंडिशन
सर्दी का मौसम फ्लू, एलर्जी और अन्य संक्रामक रोंगों का मौसम होता है। बीमार लोगों के आसपास रहने से संक्रमण का खतरा रहता है। सामान्य मेडिकल कंडिशन जो पेट ख़राब होने का कारण बन सकती हैं वे हैं:
पेट का फ्लू (गैस्ट्रोएंटेराइटिस)
1. फूड पॉइजनिंग
2. कोविड-19
सर्दी लगने से बच्चे के मल का रंग बदल जाता है
शिशुओं में हरे रंग का मल होने की वजह सर्दी लगना या पेट में कीड़े हैं। स्तनपान कराने वाली मां को सर्दी लग गई है तो इसका असर बच्चे के उपर भी हो सकता है। ग्रीन पूप से घबराने की कोई बात नहीं है। बच्चे को ठंड से बचा कर रखे।
सर्दियों में पेट की खराबी से कैसे बचें?
पेट की ख़राबी से बचने में संतुलित डाइट मददगार होगी। सर्दियों में गर्म खाना खाएं। वैसे ठंड के मौसम में हमारा पाचन तंत्र संवेदनशील होता है, इसलिए चुनिंदा भोजन ही करें जो सरलता से पच जाए। ठीक डाइट के लिए डाइटिशियन की सहायता ले सकते हैं। जिसमें कैलोरी अधिक हो और अपच भी न हो। यहां कुछ सामान्य तरीका दिए गए हैं जो आप सर्दियों में पेट की खराबी को रोकने के लिए कर सकते हैं।