आप भी सर्दी के मौसम में बढ़ रहे हैं डर्मेटाइटिस के मामले जानिए
जैसे-जैसे सर्दी के मौसम में ठंडक बढ़ रही है, त्वचा बीमारी डर्मेटाइटिस के मुद्दे भी बढ़ते जा रहे हैं। जो चिंता का विषय बनता जा रहा है। डर्मेटाइटिस त्वचा पर लालिमा, खुजली और सूजन से चिह्नित होता है। स्वास्थ्य जानकारों के मुताबिक, डर्मेटाइटिस के मुद्दे बढ़ने का कारण सर्दी का मौसम है।सर्दी के मौसम में त्वचा की प्राकृतिक नमी कम होने लगती है, जिससे त्वचा कई समस्याओं के प्रति संवेदनशील हो जाती है। त्वचा जानकार डाक्टर सुमित गुप्ता ने कहा कि सर्दी के मौसम में शुष्क और ठंडी हवा त्वचा के सुरक्षा कवच को हानि पहुंचाती है, जिससे त्वचा बीमारी के मुद्दे बढ़ जाते हैं।
वह बताते हैं कि त्वचाशोथ न सिर्फ़ असुविधाजनक है, बल्कि प्रभावित लोगों के जीवन की गुणवत्ता को भी जरूरी रूप से प्रभावित कर सकता है। लगातार खुजली के कारण रोगियों को अक्सर सोने में मुश्किल का अनुभव होता है और गंभीर मामलों में यह स्थिति कई जटिलताओं का कारण बन सकती है।डॉ। गुप्ता सर्दियों के महीनों के दौरान एक्टिव त्वचा देखभाल के महत्व पर बल देते हैं और लोगों को नियमित रूप से मॉइस्चराइज़र का इस्तेमाल करके अपनी त्वचा को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखने की राय देते हैं। वे राय देते हैं कि ऐसा मॉइस्चराइज़र चुनना जरूरी है जो सुगंध रहित हो और संवेदनशील त्वचा के लिए उपयुक्त हो। नहाने के कुछ देर बाद इसे लगाने से नमी बरकरार रखने में सहायता मिलती है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
सुबह के समय एक अच्छे मॉइस्चराइजिंग बेस सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने की राय दी जाती है। धूप से होने वाली त्वचा की क्षति से बचा जा सकता है। जानकारों के मुताबिक, नहाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला कपड़ा नॉन-एलर्जिक होना चाहिए। साबुन का pH त्वचा के pH के बराबर होना चाहिए। लोगों को बहुत सख्त साबुन का प्रयोग नहीं करना चाहिए। त्वचा की ऊपरी परत को हानि पहुंचाता है। सिर्फ़ गंध के कारण मॉइस्चराइजर नहीं खरीदना चाहिए। इसमें किस सामग्री का इस्तेमाल किया गया है? ये केमिकल फ्री है या नहीं, नॉन-एलर्जी है या नहीं, इन बातों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है।