सांस लेने की इस तकनीक से जानें आप हेल्दी हैं या नहीं
आज के समय में तनाव मुक्त रहना एक बड़ी चुनौती बन गई है, क्योंकि आदमी छोटी से छोटी बातों पर टेंशन लेने लगता है। ऐसे में महत्वपूर्ण है कि आप ब्रीदिंग एक्सरसाइज, योग और मेडिटेशन करें। इन सभी चीजों से माइंड रिलैक्स होता है और शरीर की सारी थकान दूर हो जाती है। इसी के साथ तनाव मुक्त रहने के लिए आप सांस की एक्सरसाइज श्वास तकनीक 4-2-8-2 भी कर सकते हैं। इस एक्सरसाइज से पता चल जाता है कि आदमी हेल्दी है या नहीं? यदि एक्सरसाइज करने में उसे कोई परेशानी आती है, तो उसे समझ जाना चाहिए कि वो हेल्दी नहीं है।
जो लोग नियमित रूप से श्वास तकनीक 4-2-8-2 को करते हैं। इससे उनके दिल की गति कम होने लगती है और दिल को आराम मिलता है। साथ ही सांस से जुड़ी कई समस्याएं भी कम हो जाती हैं। इसलिए आज हम आपको श्वास तकनीक 4-2-8-2 के बारे में ही बताएंगे, कि इसे आप कैसे कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त इससे शरीर को क्या-क्या फायदा होता है।
श्वास तकनीक 4-2-8-2क्या है?
जिन लोगों को श्वास संबंधी समस्याएं होती हैं, उन्हें नियमित रूप से प्राणायाम करना चाहिए। इससे उनका तनाव कम होता है। साथ ही एकाग्रता बढ़ती है। इसके अतिरिक्त जिन लोगों के फेफड़े कमजोर होते हैं या उन्हें अस्थमा की रोग है, ऐसे में उन्हें प्रतिदिन प्राणायाम करना चाहिए।
प्राणायाम के साथ-साथ आप श्वास तकनीक 4-2-8-2 भी कर सकते हैं। इस तकनीक में एक बार सांस लेना, रोकना, छोड़ना और फिर से सांस को रोकने की क्रिया करनी होती है। आइए विस्तार से जानते हैं इसकी प्रक्रिया के बारे में-
4 का मतलब है : चार तक गिनती के काउंट तक सांस लेना
2 का मतलब है : दो गिनती तक सांस को रोक के रखना
8 का मतलब है : 8 गिनती के काउंट पर सांस को छोड़ देना
2 का मतलब है : फिर से 2 तक सांस को रोक के रखना
श्वास तकनीक 4-2-8-2 में लगातार कई बार इस प्रक्रिया को किया जाता है।
शरीर के लिए कैसे लाभ वाला है श्वास तकनीक 4-2-8-2?
अगर आप नियमित रूप से श्वास तकनीक 4-2-8-2 का अभ्यास करते हैं, तो इससे आपको सांस संबंधी परेशानी के होने का खतरा बहुत अधिक कम हो जाएगा। इसके अतिरिक्त अस्थमा के मरीजों को तो इसे प्रतिदिन करना चाहिए। इससे आप चिंता मुक्त रहेंगे। साथ ही आपका दिमाग शांत होता है, जिससे आपकी सोचने-समझने की शक्ति बढ़ेगी। इसी के साथ कुछ ही समय में आपकी कंसंट्रेशन पावर में भी बढ़ोत्तरी होने लगेगा।