Mental Health: महिलाओं की मेंटल हेल्थ पर बुरा असर डाल सकता है PCOS, ऐसे करें बचाव
पीसीओएस यानी कि पॉली सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से पीड़ित महिलाएं कई समस्याओं का सामना करती हैं. साथ ही यह एक गंभीर परेशानी है. वर्तमान समय में बड़ी संख्या में महिलाएं इस परेशानी का सामना कर रही हैं. बता दें कि 18 से 35 वर्ष तक की महिलाएं तेजी से पीसीओएस की चपेट में आ रही हैं. इस स्थिति में स्त्री के अंडाशय से एग तय समय से पहले रिलीज होने लगती हैं. जो बाद में सिस्ट में बदल जाते हैं.
इसकी वजह से स्त्रियों में मोटापा, अनियमित मासिक धर्म, पिंपल्स, बालों का झड़ना और गर्भधारण करने में कठिनाई होती है. वहीं इस परेशानी के कारण कई बार स्त्रियों की मेंटल हेल्थ भी खराब हो जाती है. ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको पीसीओएस के लक्षण और कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं.
मेंटल हेल्थ क्यों होता है खराब
बता दें कि स्त्री के प्रजनन चक्र में हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन प्राथमिक होते हैं. लेकिन पीसीओएस की परेशानी में मेल हार्मोन एंड्रोजन का लेवल बढ़ जाता है. वहीं प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की मात्रा कम होने लगती है. हार्मोन में उतार-चढ़ाव होने पर सेरोटोनिन के स्तर पर प्रतिकूल असर पड़ता है. यह नींद चक्र, मूड और भूख कों कंट्रोल करता है. इसी वजह से स्त्रियों में तनाव, मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन देखने को मिलता है.
इस परेशानी से पीड़ित स्त्रियों में आत्मविश्वास की कमी देखी जाती है. यह महिलाएं स्वयं को दूसरों से कंपेयर करती हैं. जिसके कारण उनको तनाव होने लगता है.
सेरोटोनिन को हैप्पी हार्मोन के नाम से भी जाना जाता है. वहीं इसकी कमी होने पर बात-बात पर गुस्सा होना,उदासी महसूस होना और मूड स्विंग्स होने लगता है.
PCOS में बॉडी में कई तरह के परिवर्तन होते हैं. जैसे- मुंहासे आना, वजन बढ़ना और बालों का झड़ना आदि शामिल है. इन सारी चीजों को देखकर महिलाएं तनाव में रहने लगती हैं औऱ धीरे-धीरे वह डिप्रेशन और एंग्जाइटी का शिकार हो जाती हैं. इस परेशानी से पीड़ित महिलाएं स्वयं को फिजिकली काफी कम अट्रैक्टिव मानती हैं.
ऐसे करें बचाव
सही और हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करें, इसके अतिरिक्त रूटीन में एक्सरसाइज को शामिल करें. इससे वेट कंट्रोल करने में सहायता मिलती है.
हेल्दी डाइट फॉलो करनी चाहिए और खाने में ऐसी चीजों को शामिल करना चाहिए. जिससे आपका सेरोटोनिन का लेवल मेंटेन रहे.
स्ट्रेस दूर करने के लिए प्रतिदिन योग और मेडिटेशन करें.