कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली रेडिएशन थेरेपी इस बीमारी का भी कर सकती है इलाज
कैंसर के उपचार में इस्तेमाल होने वाली रेडिएशन थेरेपी दिल की रोग का भी उपचार कर सकती है। यह खोज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी विद्यालय ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने की है। इस खोज से दिल की रोग से पीड़ित लाखों लोगों के लिए एक बड़ी आशा है।
शोधकर्ताओं ने अपने शोध में वेंट्रिकुलर टैकीकार्डिया से पीड़ित रोगियों पर रेडिएशन थेरेपी का टेस्ट किया। वेंट्रिकुलर टैकीकार्डिया एक गंभीर दिल की रोग है, जिसमें दिल की धड़कने बहुत तेज हो जाती है। यह रोग अचानक दिल की गति रुकने का कारण बन सकता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि रेडिएशन थेरेपी से वेंट्रिकुलर टैकीकार्डिया से पीड़ित रोगियों की दिल की गति सामान्य हो गई। उन्होंने यह भी पाया कि रेडिएशन थेरेपी से दिल की मांसपेशियों में उपस्थित नुकसानदायक सेल्स को कम करने में सहायता मिली।
शोध के निष्कर्ष
शोध के निष्कर्ष इस बात को दर्शाते हैं कि रेडिएशन थेरेपी दिल की रोग के उपचार में एक कारगर तरीका हो सकता है। यह विधि उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभ वाला हो सकती है जिन पर पारंपरिक उपचारों का लाभ नहीं होता।
कैसे काम करती है रेडिएशन थेरेपी?
रेडिएशन थेरेपी में अधिक ऊर्जा वाली किरणों का इस्तेमाल किया जाता है। ये किरणें दिल की मांसपेशियों में उपस्थित नुकसानदायक सेल्स को नष्ट कर देती हैं। इससे दिल की कार्यक्षमता में सुधार होता है।
इन लोगों के लिए लाभ वाला होगी
यह तकनीक उन लोगों के लिए बहुत कारगर होगी, जिन पर पारंपरिक उपचारों का लाभ नहीं होता। दिल की वजह से अचानक होने वाली रोग से सबसे प्रमुख रोग वेंट्रिकुलर टैचीकार्डिया है। हेल्दी दिल एक मिनट में 60-100 की रेट से धड़कता है, पर वेंट्रीकुलर टैचीकार्डिया की स्थिति में या रेट 200 तक हो जाती है।
उपचार से छह महीने में मिल सकता है आराम
कुछ रोगियों में दवा और इंजेक्शन से दिल की गति को नियंत्रित करने में कामयाबी मिल जाती है। कुछ को सर्जरी कराकर डिवाइस इंप्लांट करवानी पड़ती है, जिससे की जब कभी दिल गति अनियंत्रित हो तो इसे नियंत्रित किया जा सके। नए अध्ययन से पता चलता है कि रेडिएशन थेरेपी से छह महीने के भीतर दिल की गति को नियंत्रित करने में सहायता मिलती है।