पेट के अल्सर का इलाज करने में मदद करती है इस दुर्लभ पेड़ की लकड़ी
बाराबंकी : आयुर्वेद दुनिया की सबसे पुरानी थैरेपी है। इसका लोहा पूरी दुनिया मानती है। एक्सपर्ट का दावा है कि आयुर्वेद में हर मर्ज का उपचार है, रोगों को ठीक करने के लिए इसमें दवा के बजाय जड़ी-बूटियों का प्रयोग किया जाता है। वैसे आयुर्वेदिक इलाज काफी कारगर है और इसके कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है, इसलिए पूरे विश्व में आयुर्वेदिक दवाएं काफी फेमस हो रही हैं। हम आपको ऐसी ही एक औषधि के बारे में बताने वाले हैं जिसके इस्तेमाल से आप शरीर में होने वाले कई रोगों से छुटकारा पा सकते हैं। दरअसल, हम बात कर रहे हैं चंदन के पौधे की। इसकी पत्तियां, छाल और ऑयल हमारी स्वास्थ्य के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। हालांकि चंदन का पेड़ दुर्लभ होता है।
भारतीय संस्कृति में चंदन को विशेष महत्व हासिल है ।चंदन मांगलिक कार्यों और पूजा पाठ में बहुत ही शुभ माना गया है। औषधियों गुणों से भरपूर चंदन के पत्ते, छाल स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभ वाला होते हैं। चंदन चेहरे के दाग-धब्बे, पेट की जलन, किडनी की स्टोन, दांतों की समस्या, मुंहासो जैसे रोगों से निजात दिलाता है। चंदन की खुशबू बहुत मनमोहक होती है। ये स्ट्रेस को कम करने में सहायता करती है। इसकी खुशबू से मानसिक तनाव कम होता है।
तनाव दूर करता है चंदन
जिला हॉस्पिटल बाराबंकी के डॉक्टर डाक्टर अमित वर्मा (एमडी मेडिसिन) ने कहा कि वैसे तो हमारे यहां कई प्रकार के चंदन के पेड़ पाए जाते हैं परंतु सफेद चंदन हमारे लिए काफी लाभ वाला है। सफेद चंदन का इस्तेमाल करना स्वास्थ्य और स्किन दोनों के लिए बहुत ही लाभ वाला होता है। सफेद चंदन की लकड़ी और ऑयल का इस्तेमाल आयुर्वेद में कई तरह की औषधियों के रूप में किया जाता है। सफेद चंदन लगाने से खुजली की परेशानी से राहत मिलती है। चंदन की तासीर ठंडी होती है। इसे लगाने से शरीर में ठंडक आती है। इसी वजह से चंदन को माथे पर लगाने से सिर दर्द में राहत मिलती है। ये स्ट्रेस को कम करने में सहायता करती है। इसकी खुशबू से मानसिक तनाव कम होता है। चंदन का इस्तेमाल करने से चेहरे के दाग, धब्बों या फिर चोट के निशान तक गायब हो जाते हैं और स्किन मुलायम हो जाती है।
अल्सर के उपचार में कारगर
डॉ। अमित वर्मा ने कहा कि चंदन की लकड़ी से जो ऑयल निकाला जाता है बहुत ही कड़वा होता है। जिन लोगों के दांत में परेशानी होती है जैसे दांत कमजोर हैं तो मसूड़ों में इस ऑयल को सुबह-शाम लगाना चाहिए। चंदन का ऑयल मसूड़ों को मजबूत बनाता है। चंदन के पत्ते और लकड़ी के रस में खास प्रकार के तत्व पाए जाते हैं, जो पेट के अंदरूनी रोगों का उपचार करने में सहायता करते हैं। चंदन की लकड़ी में कई ऐसे कंपाउंड होते हैं, जो पेट के अल्सर का उपचार करने में सहायता करते हैं। आपको बता दें कि चंदन के चूर्ण का इस्तेमाल दूध के साथ किया जा सकता है।